Tuesday, January 31, 2012

अन्जानी आवाज़ें

अन्जानी आवाज़ों का पीछा करते हुए
कोई यहाँ मंजिल तक नहीं पहुंचा है
कितना भी दूर रहना चाहो तुम इनसे
फिर भी आवाज़ें बस बुलाने लगती हैं
इन्हीं की तरह इनके अंदाज़ निराले हैं
कभी माध्यम तो कभी अट्टहास भी
कभी कोई मीठी धुन सी सुना जाती हैं
कितना भी छुड़ाना चाहो तुम पीछा
तो भी ये आहट सी सुनाने लगती हैं
कभी प्रश्न चिन्ह तो कभी उत्तर से देती
अपना हर अंदाज़ ये अलग ही रखतीं
कभी गैर की भाषा में सी कुछ कहती हैं
फिर ये बिलकुल अपनी ही लगती हैं

Monday, January 30, 2012

Why Gandhi is More Relevant Today

Many of Gandhi's views and recommendations for the people, governments and nations were simple yet very relevant.

His views for the individuals were to recommend them practicing truthfulness, non-violence; yet protest peacefully for the just causes.Each individual to fulfill his responsibilities for the family, society and nation with a great application of morality and ethics.

His prescription for the governments was to ensure the role of government and industrialists to act as trustees for the people of the country and establish classless, caste less and just society.

His prescription for the World was to live in harmony and as one family of nations.He strongly suggested the routes of peaceful settlement of disputes.

All the above prescriptions become more and more relevant in the World, struggling with violence, use of power and force, materialistic attitude of the people and their shrinking families.Those opposed of Gandhi's ways and methods also find him relevant in the day to day lives of the people even now!

बेढंगा

ये दिल भी क्या क्या बन न जाने
यहाँ किस किस रंग में रंगा है
कभी डोर से बंधी पतंग तो कभी
शमाँ के पास घूमता कोई पतंगा है
कभी औरों की खातिर हो तो
कभी ये अपने ही ख्यालों से रंगा है
जब भी किसी एक रंग में देखना चाहूँ
तो हमेशा लगता चौरंगा है
इसका कोई क्रम या ढंग नहीं
हाँ ये अक्सर ज़रा बेढंगा है

Thursday, January 26, 2012

Yet Another Republic Day of India!

Republic Day and and the sentiments associated with the day are always special for all Indians (even others!). The 63rd Republic day was also special and the Parade was a feast to watch and witness.The military might on the display showed the deterrence ; and the cultural bouquet was splendid as ever.

The very charming chief guest (Prime Minister of Thailand)was the added attraction; that also raised questions in the minds of the Indians about the youth taking over the leadership from the politicians in their eighties!

In spite of all odds, India has been able to save the democracy and achieve economic progress.It was also heartening to hear (albeit at the electoral campaigns) from the Chief Minister of Punjab, Mr. Badal, that it's time about to consider human development and social inclusion; on the same lines of infrastructure and economic development.

The human development and development of ethics in a society, that knows how to adjust with times and resources available, is very important. Only exemplary punishments against corruption and graft will work; and yes, without any exemptions and short-cuts.The rule of law is a precondition for the democracy and republics; and no one should fool the law! Amen!

Why

उनकी कही उन्हीं को मालूम होगी
हमें तो अपनी समझ पर भरोसा है
उनका अपना भी कोई मुक़द्दर होगा
हमारे मुक़द्दर से यूँ सरोकार क्यों है
He would know what he had meant
I have to trust own wisdom anyways
He must be having his own fate too
Why have so much concern with mine

Monday, January 23, 2012

बेग़ैरत

हम तुमसे कोई बैर भाव नहीं रखते हैं
इतने बुरे नहीं जितना तुम समझते हो
हमने तो बस बेझिझक पूछा था तुमसे
तुम तो बिना कारण ही दुराव रखते हो
अपने मन की सब कह डाली थी हमने
तुम तो बस की मन में ही रख लेते हो
एक लफ्ज़ में तो मना कर नहीं पाए
अब इतना लम्बा ज़वाब क्यों देते हो
हम कोई इतने बेग़ैरत भी नहीं शायद
जो इन लफ़्ज़ों के भाव न समझते हों
और तुम! इतने भी सहज नहीं शायद
कि हम तुम्हारा मतलब न समझते हों

Sunday, January 22, 2012

पुकार

मेरी मोहब्बत तो कब की
गहरी दफनाई जा चुकी थी
पर आज ये न जाने कैसे
मेरे आगे रूह बन खड़ी थी
न जाने अब क्यों और क्या
मुझे एहसास दिला रही थी
शायद मुझसे मेरे रिश्ते का
कोई हिसाब माँग रही थी
मुझे कुछ सूझता न था पर
वह जाने को तैयार नहीं थी
मेरी गैरत आज मुझे मानो
हर पल धिक्कार सी रही थी
और मेरी दफन मोहब्बत अब
मुक्ति की पुकार कर रही थी

Saturday, January 21, 2012

Change the Color

The winter blues are around there
Keep! Yourselves busy somewhere
Enjoy! The awesome times of winter
If not this all just enjoy the splinters
Watch out! colors of winter flowers
See! Spring is just round other corner
Go! Try chill out in this chilly weather
Reach out! By spreading your feather
Fly! In your imagination everywhere
Sing! With bees, birds and creatures
Wear! All your winter favorite colors
Change! The ‘blues’ into ‘pink’ colors

Not So Long

Her romantic days with
The one and special love
In her whole this lifetime
Didn’t last away very long
She had buried them deep
Very long and long ago
Yet it keeps haunting her
Like a sprit in her spirits
Unravel her and thoughts
Like unforgettable truth
And her forgotten love
For whatever reasons
Even after passing of time
So long sound not so long

Tuesday, January 17, 2012

Angle/नज़र

My heart may not be with me but I am not unfaithful
You may have never looked at me from this new angle
You may hate me for whatever reason you might have
For me, I have never looked at you from such angle
ये दिल लाख बेवफा सही हम तो बेवफा नहीं
तुमने तो कभी इस नज़र से हमें देखा ही नहीं
तुम किसी भी वज़ह से हमें बुरा भी समझ लो
हमने तो कभी तुमको इस नज़र से देखा नहीं

बेबसी

रात भर आपकी याद आती रही
और दिल से बगावत भी चलती रही
आपके बिन एक पल भी गुज़रता नहीं
पर ज़िन्दगी आपके बिन भी चलती रही
गुफ्तगू मन ही मन में तो होती रही
दिल की दिल से मोहब्बत भी होती रही
चाँद निकला तो था आसमाँ में कहीं
चांदनी थी मगर छुप छुप के रोती रही
मेरी मायूसियाँ मुझ पे हँसती रहीं
मेरी हालत पे फ़ब्ती भी कसती रहीं
बेवज़ह ज़िन्दगी यूँ तरसती रही
हर लिखी जो मुक़द्दर में होती रही
नींद भी मेरी आँखों की जाती रही
रात करवट पे करवट बदलती रही
बेबसी मुझसे फिर भी ये कहती रही
ज़िन्दगी में ख़ुशी की कमी भी नहीं

Sunday, January 15, 2012

कोशिश

वो भी थे तब गुमसुम से बने
मैं भी कुछ अस्थिर भावों में था
फिर भी जाने ये विचित्र कैसा
हम दोनों में कुछ नाता सा था
मन अब भी बस थम जाता है
वो तब भी घुटता सा रहता था
रुकते चलते जीवन प्रसंगों में
मन हठ सा करता ही जाता था
वो अपनी बात अड़े ही रहते थे
मैं भी अपनी कहता जाता था
उनमें मुझमें थोड़ा सा था अंतर
मैं उनकी भी सब सुन लेता था
अब भी बस कोशिश करता हूँ
तब भी कोशिश करता जाता था

Saturday, January 14, 2012

आज/Today

मौसम का मिजाज़ तक अब बदलने लगा है
अब तुम भी कुछ खुशियों के सब गीत गाओ
गम भी करें कोशिश सुनने की ख़ुशी की भाषा
आज कुछ यूँ ही मुस्कुराओ कुछ यूँ गुनगुनाओ
Even the weather is now changing its temperament
You too now sing the songs of joy and happiness
Sadness may try to learn the language of happiness
Today bear such smile and hum the song of happiness

अपने आप/ themselves

रूठा नहीं हूँ अब भी तुमसे कहने की ज़रूरत क्या है
ये जिद है मेरी तुम समझोगे सब कुछ अपने ही आप
जाना भी चाहो अगर तुम बस इतना भर कह लेने दो
रोकूंगा नहीं मैं तुमको पर ठिठकेंगे क़दम अपने आप
I'm not annoyed with you need not require to say
I'm stubborn that you shall realize it by yourself
Even if you want to walk away just allow me to say
I won't stop but steps shall standstill themselves

हरगिज़

तेरे संग गुज़ारे हैं कितने हसीं पल मैंने न जाने
अब मेरे इम्तहान का वक़्त आया है क्यों जाने
मैं तेरे गम का सबब हरगिज़ न बनूँगा कभी भी
चाहे मेरी किसी भी बात का तू हो लाख बुरा माने
I spent those precious happy moments with you
Now it is the time of my being tested before you
I shall never become the reason sadness for you
Come whoever may misinterpret it all before you!

Friday, January 13, 2012

अन्दाज़

बसा कर जिनको रखा था हमने आँखों में
बनके आँख की किरकिरी रहने लगे थे वो
हमने तो आँखें मल मल के कर दीं थी लाल
कभी एक तो कभी दूसरी को सताने लगे वो
और भी सता सता के याद हमें आने लगे थे
जब जब भी हमने सोचा कि चले गए थे वो
फिर भी हम इधर बस यही सोचते रहते थे
सूखी इन आँखों में पानी तो लाते रहे थे वो
अपने ही इस अलग कुछ अन्दाज़ में सदा
मेरी ज़िन्दगी का फिर भी हिस्सा बने थे वो

Thursday, January 12, 2012

Random Couplets-3

सोचा था मिलेगी ज़न्नत कोई इस हयात में
अब तल्ख़ी का ही आलम यहाँ हर हयात में
I had imagined heaven in each bubble
But found raucousness in each bubble

इस दिल की दुनियाँ भी कितनी अज़ीब है
कोई कितनी दूर सही वही सबसे क़रीब है
How strange is the World of heart
The one howsoever far is nearest

बड़ा ख़ाली ख़ाली लग रहा है ये दिमाग़ आज
तुमने सताया नहीं या मेरा गुरुर ही जाता रहा
Why this sudden feeling of lightness in my mind
You did not harass me or gone is my arrogance!

ये पुराने दरिया अब सूख भी गए हों सही
समन्दर का रास्ता अब भी बता सकते हैं
These old rivers may have dried up now
Yet they can show you the ways to ocean

न जाने कितने दावानल से समेटे हुए हैं दिल में लोग
फिर भी मिलते नहीं किसी गर्मजोशी से अक्सर लोग
Don't know what all is burning inside the hearts of people
Yet don't meet with warm feelings often with other people

तुम से ही हम हैं और ये ज़माना भी है
वरना तो बस चार दिन का फ़साना है
With you around is me and us and the World
Else, this is just few days' story in the World!

ख़ुशी के लम्हों में तो हर कोई यहाँ मुस्कुराना जानता है
चश्म-ए-पुरनम से मुस्कुराने का हुनर दिखाओ तो मानें
In times of happiness everyone here knows how to smile
With the tears in the corner of eyes is real skill to smiles

इतने दबे पाँव चलते हो और शिकायत भी करते हो
कि खोये हो कहाँ गुमसुम; आहट भी नहीं सुनते हो

डूबने का कोई डर न मुझको मैं कोई साहिल नहीं
मंझधार से है पाला पड़ा पर मैं कोई ज़ाहिल नहीं

कद्रदानों की लीक से अलग मैं तुम्हारा दोस्त भी रहबर भी हूँ
सिर्फ़ रियायत नहीं हकूक भी मुझको मैं तुम्हारा अक्स भी हूँ

कुदरती ज़लज़ले क्या हिला पायेंगे हमारे वज़ूद को
इस ज़िन्दगी में ज़लज़लों की यूँ भी कोई कमी नहीं
Nature's earthquakes could find it hard to shake my existence
My life is already full of many shocks and rocking experiences

हमने जब किसी कारण से इधर दोस्तों से मिलना कम कर दिया
कैसे दोस्त हमने बनाये जिन्होंने हाल-चाल पूछना तक छोड़ दिया
For some reasons if I had to reduce meeting up my friends
Who stopped knowing about me I chose that kind of friends

कहीं कोई गलती का एहसास सा मुझे तो है
तुम भी कोशिश करो जानो क्या तुम्हें भी है
I am conscious of fact I have made some mistake
You too may try finding out this, now it's your take

जो शूली पर चढ़ गया उसे दुनियाँ से क्या सरोकार है
फिर भी यह दुनियाँ हमारे जीवन के इस पार ही तो है
He who has been put on cross has no concern with this World
Yet it is true that only on our side is the location of this World

हवा आज कुछ ऐसी थी चली ये तन भी महक गया
याद कुछ ऐसी वो ले आई थी ये मन भी बहक गया
The breeze blew such that the body became perfumed
Remembrance it brought had left the heart wandering!

हमें तो अपनी फितरत पे नाज़ है
क्या हुआ किसने क्या कहा हमसे
कितना भी आजमा ले कोई हमें
मायूसी तो कोसों दूर रहेगी हमसे
I would value my own attitude
Let anyone tell me anything
To any extent one may test me
Gloom stays far away from me

बड़ी ही आत्मीयता से वे कह रहे थे
तुम्हें समझ पाना मेरे वश में नहीं है
बड़ी तल्लीनता से सुन हमें लगा था
हमें समझ पाना उनके वश में नहीं है
With all his simplicity he said to me
It was beyond him to understand me
With all my attention on him I thought
It was sure beyond him to understand me

मंजिलें दूर हैं तो सफ़र भी कुछ लम्बा तो होगा ज़रूर
हम कोई परिंदे नहीं जो आकाश में उड़ कर जा पहुंचें
Paths will sure be long if our destinations are away
We are no avies who can fly and reach them now!

तुम ही बताओ भला कैसे न खाते हम क़सम अपनी
उन्होंने तब क़सम खाने की अपनी क़सम जो दी थी
You can appreciate that what option did I have to swear by myself
It was reciprocation of her swearing by herself to make me swear!

किसी और शहर की आग में जल गया है शहर अपना
उनका तो जल ही रहा था जला है अब शहर भी अपना
The fire of another city has set mine aflame
Their's was burning my city too is in flames


मुझे दिखाने को ही शायद; वे शब्द जाल थे बुनते रहे
उन्हें मालूम न था शायद;मैं बहरा न सही सुनता नहीं


नेकनीयती पर न करो शक़ दुरुस्त कर लो नीयत अपनी
ऐसा न हो कि बदनीयती से लबरेज़ कर लो नीयत अपनी
Don't suspect good intentions and work on your intentions
Lest you may have acquired certain bagful of evil intentions

कई मर्तबा ज़ेहन के ख़याल ख़ुद सवाल बन जाते हैं
ख़ामोश माहौल में भी तूफ़ान सी हलचल मचा देते हैं
Many times the thoughts in mind become the big questions
Bringing in peaceful moments the turbulence of the storms!

आज फिर से कमबख्त जुदाई का साथ है
लेकिन ये भी है कि सब कुछ अपने हाथ है
Today once again the sunderance is the companion
Albeit true that everything is in my own hands again

जिन्हें ज़ल्दी थी उनका अब नामोनिशान ही न रहा बाक़ी
हमें तो रफ़्तार से कम है सिला अभी ज़िन्दगी है बाक़ी
Those were in great hurry have no signs left of them
I for one dislike the speed hence a lot of life remains

हमें नहीं ज़रूरत कोई समझाने की या सफाई देने की
हम तो हुज़ूर के अंदाज़-ओ-अदा से ही समझ जाते हैं
You don't sure need to clarify or explain to me
I for one understand through your body language

गुफ़्तगू हुई लेकिन बातों में कम था गर्मजोशी का अंदाज़
अब तुम्ही जानो किस वज़ह से थे आज फिर तुम नाराज़
We had spoken yet there was paucity of warmness in the talk
You alone would know the reasons for this coldness in the talk

हर वक़्त यूँ न सियासत को कोसा करो यारो
हम हैं और हमसे तो सियासत भी कायम है
Don't go lambasting politics all the time
We and our roles are the basis of politics

एहसास है मुझे लोगों में कमज़ोर होती है याददाश्त
जिनके आज पढ़ते हैं कसीदे कल वही होते बर्खास्त
I am aware that people have weak memories
Those revered today are dismissed tomorrow

हर रोज़ मैं रात भर नींद में सपने बुनता और देखता रहता हूँ
लेकिन दिन भर अपनी हकीकत की दुनियाँ में बसर करता हूँ
Everyday in my sleep at nights I weave and see the dreams
But then everyday all day I do live in the realities of our lives

Wednesday, January 11, 2012

आशियाँ/home

मेरे ज़िस्म की तक़लीफ़ से कहाँ थे बचे ज़ज्बात यहाँ
पर तुमने सोचा कोई नया ही आशियाँ बना रहे थे हम
हम तो बस जी से रहे थे ये कम ही समझ पाए थे तुम
शायद अब समझ पाओगे तुम कि किस हाल में थे हम
There was dearth of emotions due to pain in body
You thought I was busy making new home for myself
I was just living you would sure have known by now
It's time for you to understand position of myself

Sunday, January 8, 2012

अब

तेरे आने से महक उठी थी दुनियाँ मेरी
तेरे जाने के बाद अब ये ख़याल आया
कितनी रोशन भी थी वो दुनियाँ मेरी
इन अंधेरों के बाद अब ये ख़याल आया
कितनी गर्मजोशी थी तब निगाहों में
सर्द आहों से है अब ये ख़याल आया
जल गया आशियाँ मेरा मेरी खातिर
तेरी बातों का अब है ये ख़याल आया
कौन जीता है अब इस मरे दिल में
मर के सौ बार अब ये ख़याल आया
बस तेरे दीदार का अब तसब्बुर हो
छोड़ते वक़्त ज़हां ये बस याद आया

Saturday, January 7, 2012

चार दिन

कभी हसरतें कहती थीं दुनियाँ को हिला
दास्तानें भी बनीं चाहतों का सिलसिला
दरबदर ढूंढा मगर रह गया बाक़ी गिला
सीप खाली थी कहीं तो कभी मोती मिला
कोशिशों से भी कभी इधर ज्यादा मिला
हर कुछ लगा था हसरतों से कम मिला
जो भी मिला या न मिला अच्छा मिला
अब ज़िन्दगी को ज़िन्दगी से क्या सिला
कट रहा है चार दिन का बस सिलसिला
इससे बढ़कर है यहाँ किसको क्या मिला

Friday, January 6, 2012

क़ायल

सभी अनज़ान रफ़िकों के
हम तो क़ायल हैं हमेशा से
जिनके हर नसीब फलते हैं
मेहरबानों और खैख्वाहों से
उन्हें परवाह भला क्यों हो
चन्द रक़ीबों की अदाओं से
उनको हो संगदिली मुबारक
हमें काम है बस मोहब्बत से
उनके तेवर बदस्तूर टेढ़े सही
हमें क्या सिला बददुआओं से

Thursday, January 5, 2012

हर बार

जिस रोज़ तेरा दीदार हुआ था पहली बार
सोचता हूँ वो दिन आये बार बार हर बार
जिस रोज़ मुझे भुला दिया था तुमने फिर
सोचता हूँ वो दिन याद आता रहे हर बार
यहाँ मुझे अब सुकून मिलता है आकर
इन्हीं वादियों का रुख करता रहूँ हर बार
मेरी गुमशुदा मोहब्बत भटकती है यहाँ
सोचता हूँ वादियों में समाई रहें हर बार
तेरे साथ बीते चंद लम्हों की हसरत में
आज भी सब कुछ खोना चाहूँगा हर बार

ambitions/महत्वाकांक्षाएं

गगनचुम्बी इमारतें रोज़ बौनी सी होनी लगी हैं
छोटे लगने लगे हैं अब अम्बर और सागर भी
जो है जो मिला जो पाया कम से लगने लगे हैं
महत्वाकांक्षाएं बढ़ने लगी हैं लोगों में और भी
Tallest buildings starting to look dwarf
Even the oceans and skies now look small
What anyone has or got is viewed way less
Ambitions though are only ever increasing

Tuesday, January 3, 2012

my random couplets-2

हिज़ाब के पीछे झाँकने से पहले एक रकाब ज़रूरी हैं
उम्र बीत जाती है सुनते सुनते फलसफे मोहब्बत के
Before peeing through the veil a stirrup is essential
Life gets spent listening to the philosophies of love!

रात बारिशों से सब जगह बन गया सैलाब था
सुब्ह सब सूखा था रात का बस एक ख्वाब था
Last night's rains flooded all around the city
Morning was all dry it was a dream merely

ज़माना अब हमें बेकार बेवज़ह ही समझ ले चाहे
हमको तो कई उम्मीद बाक़ी हैं अब भी ज़माने से
Let the whole World find me useless without purpose
I still have a lot of expectations left from this World!

यूँ न शरमा के चल दो अचानक तुम अब
ये नाटक ज्यादा न चला पाओगे तुम अब
Don't run away with sudden shyness now
You won't be able to hide pretensions now

तुम जब भी चाहो ले सकते हो हमारा इम्तिहान
तुम्हें हमारे सब्र की थाह पाना भी मुश्किल होगा
You may try to test me and my ways at point of time
Yet it's not gonna be easy for you to test my patience

तुम इस क़दर भी यूँ न कभी रुसवा हुआ करो
औरों पर नहीं तो खुद पर तो भरोसा किया करो
Don't you be so disheartened ever like this
If not on the others you must trust yourself

रोज़ की तरह आज एतराज़ तुम हमारे अल्फाज़ पर करोगे
लेकिन हमारे चुप होने पर तुम हर लफ्ज़ का इंतजार करोगे
Like every other day you will object to my words
But if I go silent you will await each of such words

कोई नहीं है हम सा इस कहकशाँ में
हाँ मगर ये जाना तुमने बहुत देर में
None other like me in this galaxy
You realized it but a bit too late

तेरी बेईमानी में भी मैं तलाशता हूँ ईमान
क्या मालूम लोग यूँ ही बताते होंगे बेईमान
I am looking for honesty even in your dishonesty
May be someone labelled you dishonest wrongly

हर बार ही कुछ कहते कहते बस मैं रुक गया था
नसीब के क़रीब था पर उसी के चलते रुक गया था
Each time I stopped when I was about to convey
Was close to fate but that's what stopped to say!

उसकी किस किस बात की तारीफ करता फिरूँ मैं
उसकी हर बात पर ही शाबाशी देना चाहता हूँ मैं

Monday, January 2, 2012

It’s time

It’s time to make it happen
And the vital realization too
Why our World is different
And getting so complicated
The unheard and unpracticed
Ways of the society and people
The smog of weird thoughts
Around mind cells of people
Bringing darkness in the mind
And contaminating their souls
Each one trying to be different
While the reality no different
The breaking of the old barriers
Yet onslaught of the new barriers
Broken homes and relationships
Unconcerned and insensitive
The lots of human relationships
Time to fix them still is there
Take first step and get walking
It’s time to make it happen