Monday, December 31, 2012

Wishes/ बधाइयाँ

अन्याय किसी भी प्रकार का हो
उठायें आवाज़ तो उसके ख़िलाफ़
अब तक की अशांति और पाप
न आ पायें कभी भी हमारे द्वार
हम सब लोग अपना लें सदाचार
दूनियाँ से दूर हों सारे अनाचार
मनुज ही नहीं प्राणिमात्र की सोचें
अपने से पहले जग की करें फ़िक्र
स्वयं कुछ ठोस न भी कर पायें
तो करने दें और करने की सोचें
यही है मेरी नव वर्ष की कामना
अपना सकते हो तो लो बधाइयाँ
Injustice be it of any kind
We raise voices against them
Disturbances and sins so far
May never approach our doors
We shall adopt righteousness
May all misdeeds be eradicated
Don't think just for the humans
We think for all living beings
Think of World before ourselves
Even we can't do things concrete
Allow others and thing of doing
These are my new year aspirations
Accept the wishes if you agree!

Saturday, December 29, 2012

खरी खोटी

आज़ ज़माने को कोसने का मन करता हैं
समाज कसौटी में रखने को मन करता है
तुम्हें भी मुझे भी और यहाँ हरेक शख्स को
कहीं न कहीं शरीक़ बताने का मन करता है
बड़ी बेसब्री से सारी व्यवस्थाओं को आज
नोचकर चिल्लाकर जगाने का मन करता है
हम सब को ख़ुद मज़लूम की जगह देखकर
हमारे ज़मीर सदा को जगाने का मन करता है
आज बड़ी साफ़गोई और बेवाकी से ज़रूर
हरेक को खरी खोटी कहने को मन करता है

Friday, December 28, 2012

Candle

कर गई जाते जाते शमाँ की तरह
रोशन इस ज़हान के वज़ूद के रंग
अब भी समय की समझ बाकी है
इन्सान बनो या मरो सब इसी ढंग
With her very sad departure also
She emitted lights like the candle
On crux of times and the humanity
To become human or die like her!

Thursday, December 27, 2012

Difference

व्यर्थ है कयास लगाना
कि मेरी तरह के लोग
और भी हों जो तुम्हारे
वजूद पर करते हैं फख्र
तुम बस अपने मन को
शान्त, इत्मीनान से रखो
तुम्हें हो ख़ुद पर फ़ख्र
सिर्फ इस बात का है फ़र्क
I't useless to presume
Looking for people like me
Who shall be bestowing
Pride on your existence
All you will need to
Balance of mind reassured
That makes you proud of self
That makes the difference!

Tuesday, December 25, 2012

Hatred

नफरत किसे कहते हैं न था कोई इल्म मुझको
चंद वाकयात यहाँ बता गए हैं नफ़रतें मुझको
हाँ मज़लूम के दर्द का भी है बहुत दर्द मुझको
फिर भी है अभी नफरत बस नफ़रतों से मुझको
I was not aware what the hatred was
A few incidents told me what it was
Pained with the victim's agony I was
Yet in hatred with hate I found I was

Saturday, December 22, 2012

Trial Balance

When I have a look at
Balance sheet of my life
Though I get mixed feeling
Yet I do find this lesson
The liabilities are assets too
At least for someone else
There is very thin line between
The assets and the liabilities
The liabilities can be my assets
And vice versa even for myself
Anyways! There don’t exist
Any defined profits or losses
In our lifetimes and in life
Life is just the ‘trial balance’
And nothing more than that
On the hindsight!

Friday, December 21, 2012

इश्क की दास्ताँ/ Tale of Love

इश्क की दास्ताँ तो न बनी कोई अपनी
लेकिन इश्क हो गया दास्ताँ से था हमें
वो बनी भी न थी या कभी सुनी भी न थी
पर सिखा गई वो जाने कितने सबक हमें
Tale of love wasn't there in my case
Yet the tale of love overwhelmed me
It wasn't there and was never heard
Nonetheless gave few lessons to me

Thursday, December 20, 2012

जानते हैं हम

क्या एक स्वप्न से लगते थे
जब तक कि अनज़ान थे तुम
बस स्वप्न ही बुनते रहते हो
ये हकीकत से अनज़ान थे हम
रेगिस्तान में मीठे पानी की
उम्मीद की एक झील थे तुम
समंदर की खारे पानी की एक
तदबीर हो नहीं जानते थे हम
कोशिशों में कमी रखते हो
नहीं कोई जान बूझ के तुम
फिर भी साझेदार तकदीर के
हकीकत ज़रूर जानते हैं हम

Wednesday, December 19, 2012

Haiku

ज़िन्दगी पर
मैं जो हँसने लगा
ज़िन्दगी मुझ पर हँस दी
On life
I started laughing
Life laughed at me!

तुम्हारा आना
ज्यों वसंत महका
मन बहका
Your arrival
Like fragrant spring
Heart wandering

प्यार मँझधार है
भवसागर है
जीवन-सार भी
Love is midstream
It's vast ocean
Essence of life too!

गिरोगे और क्या
तुम गिर चुके हो जब
अपनी निगाह में
What's left
When you have fallen
In your own eyes!

मत दो मुझे
कोई ख़ुदा का वास्ता
परेशान हूँ मैं
Don't give me
Any God's reference
I am stressed!

चार दिन ज़िन्दगी
चन्द ज़िन्दगी के सवाल
सवालों में ज़िन्दगी
Few days’ life
Some questions of life
Life in questions!

हमने भी सुना
तुम्हें ये कहते हुए
तुम महान हो
I did hear
You were claiming
You are great!

हिसाब लेना था मुझे
तुम हिसाब क्या दे पाओगे
पास ज़बाब तक नहीं
I need explanation
What explanation can you give
With not even an answer!

कुछ वे बौखलाये
कुछ हम उत्तेजना में थे
हिसाब बराबर
He yelled
I was also excited
It evened out!

न मालूम कैसे
मुझे रास्तों की नहीं तलाश
रास्ते मिल जाते हैं
Don't know how
I don't look for ways
They are found!

मुझे नहीं मालूम
तुम्हारा अन्तरंग अभिप्राय क्या
मैं अनभिज्ञ ठीक हूँ
I don't know
Your inside intention
Unaware I'm fine!

ज़िन्दगी समझ ले
मैं तेरे आगोश में नहीं
तू आगोश में है !
Thou shall know life
I am not in your arms
You are in arms!

चेहरा आईना नहीं
फितरत हकीकत है तेरी
गलत क्या कहा!
Face isn't mirror
Attitude is your reality
Nothing wrong said!

अपनी नाकामियां छुपाते
लोग देते हैं माहौल और
ख़ुदा का वास्ता!
Hiding their failures
People swear by circumstances
And the God!

बस वही दो लफ्ज़
हम रोज़ दोहराते ही गए
हासिल कुछ न हुआ
Same two words
We kept repeating daily
Nothing we found!

और क्या कह दूँ
ये मन तो मानता नहीं
फिर भी किया एतबार!
What more do I say
The mind doesn't agree to
Yet I trusted you!

इच्छाओं के साथ साथ
उम्र और लालच दोनों बढ़े
एक दिन कुछ नहीं
Along with desires
Greed and age both grew
Nothing in the end!

कैसे कहता मैं कुछ
उनके अविरल वक्तव्य में
अवसर कहाँ था
How could I speak
For there was no scope
During his monologue!

कुछ सुकून है
थोड़ी दवा थोड़ा नशा
है तेरी याद!
Bit of comforting
some medicine and intoxication
Is your remembrance!

ठोकर ही थी
लड़खड़ा ज़रुर गया था
पर गिरा नहीं हूँ!
Just a percussion
And did trip over
But not fallen for sure!

तुम्हारे गुनाह छुपाते
ये पता नहीं चला हमको
कहलाने लगे हम गुनहगार
Hiding your crimes
I couldn't just get to know
I was called delinquent!

जब आयेगी क़यामत
हम खुद देंगे सब हिसाब
तुम भी देख लेना!
On the doomsday
I shall provide the liquidation
You can witness too!

बहुत चाहत थी
दिल लगाने की हमको भी
आशनाई काम न आई
Great desire was there
Falling in love of someone
Concubinage deserted!

सवाल कुछ ऐसे
ज़बाब से और उलझते हैं
ख़ुद से पूछना भी नामुमकिन
Some questions
Get complex with answers
Impossible to ask self!

नहीं मालूम
रज़ा क्या है तेरी
जो भी हो
Don't know
What's your dismission
Be what it may!

ये ज़िन्दगी
अपनी कहाँ थी
न ही रहेगी
The life
Wasn't mine
Nor shall be

बहुत कुछ था
पाया बिरासत में
छोड़ा कुछ नहीं
Found a lot
In the inheritance
Left nothing

हर नेता का
चेहरा एक मुखौटा
बेपेंदी का लोटा
Every politician
Wearing masks
A rolling utensil

प्रश्नोत्तर में उन्मुक्त
निष्छल हँसी
मानो मुझ पर हँसी
Answering with
Unclouded innocent smile
As if laughs at me!

ख़्वाब था
क्या अफ़सोस है
जो टूट गया
Just a dream
Why feel sorry
When broken!

कैसे महकेंगे
गुलोँ से ख़ुशबू
हो गई चोरी
Whither fragrance
Perfume of flowers
Is stolen!

भेड़िये ज्यों
खाल में भेड़ की
मुखौटों में लोग
Like wolf
In skin of sheep
Guys in masks!
हिचकिचा कर सही
जो न कहा
कह तो दिया
Albeit hesitantly
The unsaid
At least said now!

मेरा किया
सुना मैंने तुमसे
तुम्हारा किया
My efforts
I heard from you
As your efforts!

Devils Unknown

मंज़िलों की तलाश में मुसाफ़िर बन भटकता रहा
हर ओर नया रास्ता और भी अनज़ान लगता रहा
बेशक़ फ़ख्र सा कुछ था नहीं बस सफ़र ज़ारी रहा
हर तरफ़ इन्सान भी कहीं हैवान सा था बसता रहा
In search of destinations wandered like a traveler
Everywhere new paths sounded like the unknown
There was nothing proud to be just travel continued
All around some humans sounded like devils unknown

Tuesday, December 18, 2012

मौन मानवता

उसने कभी सोचा भी न था
कभी ये होगा उसके साथ
ये हंसती खेलती ज़िन्दगी
अभिशप्त हो जाएगी उसकी
बलात्कारियों की हवस से
कुछ संवेदनाओं के चलते
बस आलोचनाओं के बाद
सब स्वर मौन हो जाएंगे
व्यवस्था में सुधार के नाम
सब दोषी भयमुक्त घूमेंगे
मूक न्याय व्यवस्था में
मौन हुई मानवता के बीच
उसकी चीखें दब जाएँगी
उसकी व न्याय की दृष्टि में
सर्वस्व नष्ट चाहिए अवश्य
बिना अपवाद दोषियों का
शायद तभी संभव होगा कि
ये सब फिर दोहराया न जाए
उसकी जैसी अन्य के साथ

Monday, December 17, 2012

इतना ही

तुम्हारी संवेदना भी शायद
बस पाषाण सी हो गई हैं
एक कठोर ह्रदय की भाँति
कारण मैं नहीं जानता हूँ
तुम्हारे नूतन प्रतीक को
मैं नहीं समझना चाहता हूँ
तुम्हारा मंतव्य या कारण
मैं स्मरण दिलाना चाहता हूँ
मेरा सुझाव भी नहीं मानोगे
मैं अवश्य यह भी जानता हूँ
तुम्हीं आत्म-मंथन कर लो
इतना ही समझाना चाहता हूँ

Utterances

तुम्हारे वादे और तुम्हारे मुक़रने के ये अंदाज़
और कितना छलोगे हमको आकर हमारे पास
रहने दो ये अपनी सियासत के सुर अपने पास
हम ख़ुद कर लेंगे गुज़ारा अब तो यही है आस
Your promises and the ways of going back on them all
How long will you fool us by coming back to us again
Leave aside these utterances of politics with yourself
We do know we can help ourselves whatever is to gain

Noise!

मेरी खामोशियों को तुम कुछ भी न समझ लेना
बहुत शोर बसता है इन्हीं खामोशियों में अब मेरी
जो भी समझो मतलब न समझ लेना तुम ख़ुद ही
बहुत से मतलब हैं समेटे इन खामोशियों ने मेरी
Do not attach yourself any meanings to my silence
A lot of noise exists around in my very being silent
Whatever you understood may not be a conclusion
Many meanings can be attached to my being silent

Sunday, December 16, 2012

Matters of Soul

Some things are different from others
Some people more similar than others
Brave are the people who can observe
Reasoning of their trends or a pattern
Uninhibited ways of the behavioralism
Orderly or the weird ones many ways
Your graphic visuals of life’s statistics
The trets and frets and the better days
The differential treatment or behavior
In cases of the similarly placed persons
The explanations are rather so difficult
Many times in the matters of the soul

Saturday, December 15, 2012

ग़ालिब साहब ..:):)

रहिये अब ऐसी जगह चलकर, जहाँ कोई न हो,
हमसुखन कोई न हो, और हमज़ुबाँ कोई न हो ..

बेदर-ओ-दीवार सा इक घर बनाना चाहिए
कोई हमसाया न हो, और कोई पासबाँ न हो ..

पड़िये गर बीमार, तो कोई न हो तीमारदार
और अगर मर जाइये, तो नौहख्वां कोई न हो .."

ग़ालिब साहब ..

हमसाया - Neighborhood / पड़ोसी
पासबाँ - Watchman / प्रहरी
नौहख्वां - Mourner / रोनेवाला, विलाप करने वाला

निशाने

औरों की तो नहीं
किन्तु हमारी अपनी
शालीनता व शिष्टाचार के
हम स्वयं हैं प्रहरी
दूसरे भी हो सकते है
प्रेरित हमसे भी
इस ओर या उस पार
इसके ज़िम्मेदार
हम भी हो सकते हैं
इसके पहले कि हम
उठायें ऊँगली औरों पर
उनकी उँगलियों के
निशाने की दिशा में
हम भी हो सकते हैं

Thursday, December 13, 2012

ज़रूरत से ज्यादा

मैं तो अपनी आवाज़ बढ़ाते रहा
पर कोई प्रत्युत्तर नहीं मिला था
मुझे लगा मेरी आवाज़ में अब
उन्हें सन्नाटा प्रतीत हो रहा था
शायद उनका ध्यान व्यस्त हो
मैं अब भी कुछ तो आश्वस्त था
मेरे लिए वस्तुस्थिति अष्पष्ट थी
किन्तु उन्हें सब कुछ स्पष्ट था
उनके व्यव्हार से सब स्पष्ट था
एक मैं समझ नहीं पा रहा था
ज़रूरत से ज्यादा आशावादी मैं
उनकी नज़र में तो मूर्ख था

Tuesday, December 11, 2012

परिभाषा

मैं लिखता ही रहा
अपने सब अल्फाज़
लम्बे लम्बे जुमलों में
इसी हसरत में कि शायद
तुम पढ़ ही लोगे कभी
इनमें छुपे अहसास मेरे
किन्तु ये भूल थी मेरी
शायद कुछ अलग ही थी
इस मेरी भाषा से
तुम्हारी अपनी परिभाषा

Sunday, December 9, 2012

बेसुरा

कभी कभी तो कुछ भी कहने को यहाँ
पूरी आज़ादी से जीने का जी करता है
सुर के कद्रदानों को बेअसर करने को
आज फिर बेसुरा होने को जी करता है
दिल के हाथों शायद कुछ भी न मिला
आज बग़ावत करने को दिल करता है
आज नगमों से अदावत होती है मुझे
आज कुछ न कहने को जी करता है
देखकर ये ज़माने के रस्म ओ रिवाज़
सारे वादों से मुक़रने को जी करता है

Amazing Hindi Poet's Imagination.. by: Om Prakash Aditya

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
तुम एम. ए. फर्स्ट डिविजन हो, मैं हुआ मेट्रिक फेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम फौजी अफसर की बेटी , मैं तो किसान का बेटा हूँ,
तुम रबड़ी खीर मलाई हो , मैं तो सत्तू सपरेटा हूँ,
तुम ऐ. सी. घर में रहती हो , मैं पेड़ के नीचे लेटा हूँ,
तुम नई मारुती लगती हो , मैं स्कूटर लम्ब्रेटा हूँ ,

इस कदर अगर हम चुप-चुप कर, आपस में प्रेम बढ़ाएंगे ,
तो एक रोज़ तेरे डेडी, अमरीश पुरी बन जायेंगे,
सब हड्डी पसली तोड़ मुझे, भिजवा देंगे वो जेल प्रिये ,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम अरब देश की घोड़ी हो , मैं हूँ गदहे की नाल प्रिये ,
तुम दीवाली का बोनस हो , मैं भूखों की हड़ताल प्रिये ,
तुम हीरे जड़ी तश्तरी हो , मैं अलमुनियम का थाल प्रिये ,
तुम चिकन-सूप बिरयानी हो , मैं कंकड़ वाली दाल प्रिये ,
तुम हिरन -चोकड़ी भरती हो , मैं हूँ कछुए की चाल प्रिये ,
तुम चन्दन -वन की लकड़ी हो , मैं हूँ बबूल की ड़ाल प्रिये,
मैं पके आम सा लटका हूँ , मत मारो मुझे गुलेल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

मैं शनि -देव जैसा कुरूप , तुम कोमल कंचन काया हो ,
मैं तन-से मन-से कांशी राम , तुम महा चंचला माया हो ,
तुम निर्मल पावन गंगा हो , मैं जलता हुआ पतंगा हूँ ,
तुम राज घाट का शांति मार्च , मैं हिन्दू -मुस्लिम दंगा हूँ
तुम हो पूनम का ताजमहल , मैं काली गुफा अजन्ता की ,
तुम हो वरदान विधाता का , मैं गलती हूँ भगवंता की ,
तुम जेट विमान की शोभा हो , मैं बस की ठेलम -ठेल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम नई विदेशी मिक्सी हो , मैं पत्थर का सिलबट्टा हूँ ,
तुम ए. के. सैंतालिस जैसी , मैं तो इक देसी कट्टा हूँ ,
तुम चतुर राबड़ी देवी सी , मैं भोला -भाला लालू हूँ ,
तुम मुक्त शेरनी जंगल की , मैं चिड़ियाघर का भालू हूँ ,
तुम व्यस्त सोनिया गाँधी सी , मैं वी. पी. सिंह सा खाली हूँ ,
तुम हंसी माधुरी दीक्षित की , मैं पुलिसमेन की गाली हूँ ,
कल जेल अगर हो जाए तो दिलवा देना तुम बैल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

मैं ढाबे के ढाँचे जैसा , तुम पांच सितारा होटल हो ,
मैं महुए का देसी ठर्रा, तुम रेड -लेबल की बोतल हो ,
तुम चित्रहार का मधुर गीत , मैं कृषि-दर्शन की झाडी हूँ ,
तुम विश्व -सुंदरी सी कमाल , मैं तेलिया छाप कबाड़ी हूँ ,
तुम सोनी का मोबाइल हो , मैं टेलीफोन वाला हूँ चोंगा ,
तुम मछली मानसरोवर की , मैं सागर तट का हूँ घोंघा ,
दस मंजिल से गिर जाऊँगा , मत आगे मुझे धकेल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम सत्ता की महारानी हो, मैं विपक्ष की लाचारी हूँ,
तुम हो ममता -जयललिता सी , मैं क्वारा अटल बिहारी हूँ ,
तुम तेंदुलकर का शतक प्रिये , मैं फोलो ओन की पारी हूँ ,
तुम गेट्ज , मेटिज़, करोला हो, मैं लीलैंड की लोर्री हूँ ,
मुझको रेफरी ही रहने दो , मत खेलो मुझसे खेल प्रिये ,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

मैं सोच रहा की रहे हैं कबसे , श्रोता मुझको झेल प्रिये ,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.

Saturday, December 8, 2012

New Power

We never believed it would be so
That definition of progress as such
The wealth being the parameters
Might ones would be right so much
Individuals prevail over everything
Leaving at back burner others kept
The shine and sounds of the shoes
Of combatant army when parading
Superior powers those with them
Weapons’ arsenal to kill en mass
Ways to take always precedence
Over their means furthering ends
Self to be the mottos themselves
Egos keep clashing with the prides
Diplomacy a synonym of threats
Politics the betrayal of the people
Relationships weighing with lust
Breaking family and social bonding
Leaving the responsibility of those
People destitute, poor and the old
Nothing else to matter except gold
More becoming less always for all
Serene locations converting to cities
Redefining jungles with concrete
Abuse of all laws and authorities
In the name of serving the people
Each one trying the fool other one
Becoming the order of New Power

Friday, December 7, 2012

Early Warning


Temporary upsets exist
Life has its own reasoning
Stay calm and composed
When life starts sobbing
Only to check retrospect
For your ways improving
Seeking possible remedy
By you for self-analyzing
Allows you an opportunity
To fix the issues burning
We all have to appreciate
It gives you early warning
Sure at the end of the day
We have to make it smiling
Keep you on test often is
It’s one of the best things

Thursday, December 6, 2012

टाल मटोल

आशा तो थी और निश्चय भी था
मगर बात थी कुछ बनती नहीं
कर्म का क्रम बन रुक जाता था
जिज्ञासा मग़र बुझती थी नहीं
काम सरल था शुरुआत पर भी
मुश्किल कुछ ऐसी तो रही नहीं
बस टाल मटोल का आलम था
कल आना था कोई आसान नहीं
कब से लम्बित था जाने काम
गम तो था रहता पर बना नहीं
आज के आज कर बन ही गया
कल कल कर जो था हुआ नहीं

Wednesday, December 5, 2012

कुछ तो

इन सर्द हवाओं के इस मौसम में
तुम कुछ तो यहाँ गर्म भी रहने दो
सर्द हो चुके अंदाज़ तुम्हारे माना
अल्फाज़ व ज़ज्बात गर्म रहने दो
The air of the weather is blowing cold
You must try leaving some thing warm
Your ways too have turned cold I agree
Al least keep words and emotions warm

आखिरकार / after all

मुझको ज़माने से ज़माने को मुझसे
हमेशा रहेंगी ही उम्मीदें आखिरकार
ज़माना साथ तो देगा शायद अक्सर
पर हाँ मुझे मेरे हाल में ही छोड़कर
World and me both will always have
All hopes from one another after all
World would be by my side perhaps
But will leave me on my lot after all

Tuesday, December 4, 2012

परछाइयाँ / Shadows


जब से होने लगा है तनहा ये आशियाँ
होती नहीं आस पास कोई परछाइयाँ
अब बेबसी कहो या मेरी मजबूरियाँ
रास आने लगी हैं मुझको तनहाइयाँ
Ever since loneliness surrounded my living
Not even shadows are around my dwelling
Call it my helplessness or call my fettering
Loneliness around me I have started liking

आगाज़

ये मालूम है तुमको भी
तुम्हारे हमारे दरमियाँ
कल भी बहुत कुछ था
आज भी बहुत कुछ है
तुम्हें एहसास हो न हो
मगर हमको तो बहुत है
हमें है अज़ीज़ मोहब्बत
तो तुम्हें रंजिश बहुत है
हमारे लिए अंजाम नहीं
बस आगाज़ ही बहुत है

Monday, December 3, 2012

सहज

दूसरों की नज़र में तोल ख़ुद को कभी
खुद की फ़ितरत के रंगों को देखा करो
जीने के सबक़ रख सब जेहन में ज़रा
बात जब भी अगर ज़िन्दगी की करो
सँग सँगी का न हो अजनबी का सही
हर सफ़र में न मंजिल को देखा करो
हो सहज अपने जीवन में हर क़दम
तुम ज़िन्दगी के सहज रूप देखा करो
ज़िन्दगी को शिकायत न समझा करो
ज़िन्दगी हँसते हँसते निक़ल जाएगी
गम की आहट अगर दे दस्तक कोई
गम न कर ये घडी भी गुज़र जाएगी

Sunday, December 2, 2012

ज़िन्दगी सा कुछ नहीं

कभी मैं परेशानियों में समझता
ज़िन्दगी बोझ के सिवा कुछ नहीं
ख़ुशियों के पलों में ये लगता था
इससे ख़ूबसूरत और कुछ नहीं
संजीदा लम्हों में महसूस होता
जीना हक़ीक़त है और कुछ नहीं
कुल मिला के देखा तो पाया मैंने
ज़िन्दगी तुम सा कुछ भी नहीं

Saturday, December 1, 2012

Humanity?

बस अपने छोटे से फ़ायदे की ख़ातिर यहाँ
लोग ज़िन्दगी बरबाद कर देते हैं औरों की
ख़ुदा का क़हर कभी उन पर बरपेगा ज़रूर
तब वो देंगे दुहाई औरों को इंसानियत की
For petty personal benefits of their own
Some people spoil the lives of the others
Heavenly curse will fall upon them one day
And then they will swear by the humanity!