मेरे पास भी विवरण हैं संजोये हुए
मेरे प्रयास और जो मैंने संघर्ष किए
सराहनीय कुछ भी नहीं मिला लेकिन
राजनेताओं के प्रगति के रिपोर्ताज़ सा
लिखने और कहने को बहुत कुछ है
किन्तु अन्दर की बात मुझे ज्ञात है
फिर भी जब तुलना करने लगता हूँ
थोडा बहुत आश्वस्त सा हो जाता हूँ
इस बात का होने लगता है फख्र मुझे
ईमानदारी से निभाया जो मिला मुझे
कहीं अन्दर से कम सा तो लगता है
पर ज़िन्दगी में कहाँ सब मिलता है
1 comment:
"इस बात का होने लगता है फख्र मुझे
ईमानदारी से निभाया जो मिला मुझे
कहीं अन्दर से कम सा तो लगता है
पर ज़िन्दगी में कहाँ सब मिलता है "
bahut accha laga padhkar .. satya vachan.
Narendra pant
http://enomem.blogspot.com/
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