Monday, April 30, 2012

श्रमिक तुम धन्य

तुम से ही है यहाँ अद्भुत कर्मयोग तुम ही सृजन हो तुम ही शिल्पी धरा के इस कर्णप्रिय संगीत में तुम ही मल्हार तुम हो वासंती जी करता है गा लूँ मैं जैजैवंती तुम से ही जग है तुमसे है माटी क्या क्या कहूँ मैं तुम्हारी थाती तुम से है यह सुन्दर जग धन्य सारे श्रमिक वर्ग तुम धन्य धन्य ~On International labor Day 2012

Sunday, April 29, 2012

Sweet and Sour

ज़िन्दगी के रंगों में रंग कर भरपूर जियेंगे खट्टे पलों में हम मीठों का इंतजार करेंगे चाहे कुछ भी हो हम शिकायत नहीं करेंगे बस कभी एक हल्की सी आह ही भर लेंगे I shall enjoy colors of life around In sour moments await the sweet ones Come what may I should not complain Suspiration may to overcome moments

Saturday, April 28, 2012

so much/कितना कुछ

अँधेरी रात भी तो रोशन ही लगती है हमेशा यहाँ हम दिल को बहला लेते हैं किसी भी बहाने से रात तो आई मगर इसका एहसास तक न हुआ कितना कुछ बदल जाता है बस एक उजाले से Even the dark nights can look bright It's good to reconcile by any means Nights do come by without a whisper Just one light changes so much around

Monday, April 23, 2012

बिसरे वाक़ये

किसी बिसरे हुए वाक़ये की याद आ गई
मानो बादलों से निक़ल के चाँदनी छा गई
मन की रुबाइयों से मैं ऊब गया था तब
ज़िन्दगी मानो भूली सी ग़ज़ल सुना गई
Remembering the near forgotten episode
Like moonlight spread through the clouds
The songs of mind those had become stale
As if life started singing forgotten lyrics

Sunday, April 22, 2012

ज़द्दोज़हद/confusion

ज़द्दोज़हद न करना भड़ास है मन की मेरे घड़ी भर के साथी हैं पल भर के ख़याल मेरे आवारा मन है ये आवारा ख़याल हैं ये मेरे फिर भी हर बार गंवारा करते हैं दोस्त मेरे Have no confusion it's just frustration of mind Short lived are the companions my weird thoughts Vagabond mind has my vagabond thoughts around me Yet my dear friends like them and me as we are !

Saturday, April 21, 2012

चकमक

सब कुछ होकर लगता है अब अव्यवस्थित से इस जीवन में कमी है कुछ प्रकाश की हर ओर बेतहाशा और दिशाहीन भागता हर कोई भटक रहा मरीचिका में बस अंधकार के चलते सब ओर अब वो चकमक पत्थर कहाँ है जो रगड़ते ही बस चमकने लगे अपनी छोटी सी कोशिश कर के चीरकर इस अंधियारे को बरजोर अँधेरे का अपना महत्व है यहाँ बशर्ते वो छाया हुआ न हो कहीं हमारे अपने अंतर्मन में हर ओर

एक पल

ये हमें भी लगा था कि कुछ होने को है बस धीरे धीरे पास को सरक रहे थे हम क्या लम्हे और क्या आलम था वो भी अपनी ही धुन में जब मटक रहे थे हम वो लम्हे अब भी भुलाये नहीं भूलते हैं कितनी ख़ुशी से बस चहक रहे थे हम एक पल को भी हमें ये एहसास न हुआ अपनी ही ज़िन्दगी से भटक रहे थे हम हम भी क्या करते ये बताओ तो भला उनकी सादगी से ही बहक गए थे हम कुछ वक़्त के लिए ही वो लम्हे थे सही उनकी अदायगी से ही महक गए थे हम

Friday, April 20, 2012

आस पास

मुसीबतें कितनी भी आ जाएँ चाहे दर पे मेरे आपकी इनायत से फिसल कर गिर जाती हैं खुशियाँ जब भी आती हैं सदा मेरे आस पास आपकी दुआओं से सब ठहर जाती हैं मेरे पास

Thursday, April 19, 2012

मीठी कसक

दिल ने तो किया था इज़हार ए मोहब्बत कई बार मन में भी था कह देने का ख़याल आया कई बार कहते कहते भी छुपा ही गए थे उनसे हम हर बार जो कह दिया होता तो ये मीठी कसक कहाँ से लाते

Monday, April 16, 2012

My Random Couplets-6

सारी हक़ीक़तें एक तरफ़ और सारे ख्वाब एक तरफ़
ख्वाब न होते तो न जाने जाते दुनिया में किस तरफ़
All realities of life on one side and dreams on the other
If there were no dreams don't where we would been in lives

अब उनको आया हैं ख़याल हमारा जब कारवां गुज़र चुका उनका
हम अब भी साथ हैं उनके और रखते रहेंगे अब भी ख़याल उनका


ये वक़्त भी मुझे बड़ा अजीब सा है लगता
कभी मिलता नहीं कभी काटे नहीं कटता
Time also I found the weird thing
I don't get it or find hard to pass

मेरी ख़ुशी में क्यों तलाशते हो तुम अपना दुःख
मैं तुम्हारे साथ खुशियाँ बांटने को हमेशा हूँ तैयार
Why you look for your sorrows in my happiness
I'm always ready to share my happiness with you

इन्तज़ार करते कोई अरसा हो चला
देखें तो ज़रा हम यहाँ कौन सुर्खरू हैं
आज कोई नुक्ताचीनी न करना तुम
हम आज तक़दीर से ज़रा रूबरू हैं
It's been so long I'm waiting for
Let's see who all shine today
I am face to face with my fate
Don't you unduly criticize today

जब भी चुप रहना चाहा था हमने
होंठ बस ख़ुद-ब-ख़ुद खुलने लगे
जीभ और दिल के साथ मिलकर
मन से बग़ावत भी करने लगे
Whenever I decided to keep mum
Lips on their own started opening
Aligning with heart and the tongue
They would rebel against the mind

कहाँ कहाँ नहीं ढूंढा था खुदा को हमने
अपने मन में झाँका तो बस वहीँ पाया
Where-all didn't I search the God
When peeped inside found within me

तुम अपना दामन संभालो महज़बीं
कहीं ज़माने की हवा न बहक जाये
फिर कभी लहराना इसे फुर्सत में
कहीं ये दो पल यूँ ही गुज़र न जाएँ  

कल वो कह रहे थे कि कल आएंगे
पर न तो कल आया न वो ही आए
अब हमें आज की ही सोचनी होगी
फिर ये दिन शायद ही कभी आए
Yesterday he promiced to come 'tomorrow'
Neither did he nor azrrived the 'tomorrow'
Now I shall surely think of 'to do' for today
For it might never come again another day

गुज़र गई है उम्र किसी की आशनाई में
रहमत भी न रही अब शायद खुदाई में
Life is spent on concubinage of someone
Perhaps no blessing are left with the deity

बड़ी ही बेसब्री से की थी कोशिश सब्र को संभाले रखने की
हमने पकड़ कर जकड़े रखा था इसको मगर ये सब्र बड़ा बेसब्र निकला
Impatiently I had tried to retain the patience
Slipped away and turned out to be impatient

याद नहीं कब शाम हुई यहाँ तक आते आते
अपनी ज़िन्दगी ही गुज़र गई दस्तूर निभाते
Don't remember the arrival of the evening
Life is just spent for customary happenings

कितने अरमानों से सजी थी दुनियाँ मेरी
फिर भी यहाँ हर कोशिश बेकार गई मेरी
किसी का हुआ क़त्ल और जान गई मेरी
सच का घोंटा गया गला उम्मीद गई मेरी
With all great hopes I was awaiting life
Yet everything wasn't worth the effort
Someone was murdered I lost my life
Truth was sacrificed I lost all my hopes

मेरी क़िश्ती को सहारा मिलता है तूफानों का समंदर में
वो बस समझ जाते हैं कि मेरा मक़सद उनसे अच्छा है

ज़माना अपनी ज़ुबान में न जाने क्या कुछ अलग कहता है
इस दिन ने एक लफ्ज़ मोहब्बत का जाना बस वही कहता है
People in different words say different things several ways
My heart only knew one word of love and states it that way


भूले से ही सही तुमको हमारी याद आ ही जाएगी
अपनों में न सही गैरों में तो ज़रूर आ ही जाएगी
Be it mistakenly you will sure remember me
If no among dear ones sure among strangers

चन्द तस्वीरों को उलट पलट देखने से क्या हासिल
ज़माने में भरी है नायाब कुदरती खूबसूरती बेशुमार
What is there to find by looking at the few pictures
World has splendor of natural beauties everywhere

वक़्त के साथ चलते चलते भूल गया मैं तुझको
है भूल जाने का एहसास मग़र अब भी मुझको
किसी की ख़ातिर हमने इस जहाँ को भुला दिया
फिर भी ज़माने ने हमसे हर गिला शिकवा किया
I had forgotten the World for reasons of someone
Yet the people had all the complaints ready for me

बदनीयती ही है बस नीयत उनकी
जैसी नीयत है वैसी नियति उनकी
Ill will is the only will of some people
As is the will so shall be their destiny

तवारुख

मुझे भी इल्म न था हवाओं के रुख का ख़ुद झांकती रही थीं ये मेरे तन-मन में जब से हुआ है हवाओं से तवारुख मेरा ख़ुशबुओं ने आप समां बांधा है दिल में कभी ये बहारों की बयार सी हैं चलती गर्म हों तो भी एक ठंडक लाती मन में सुबह से शाम तक, रात छा जाने तक ये नहीं छोड़तीं साथ मेरा भरी दुपहरी में कितनी भी कर लो कोशिश भरमाने की इनके लिए तो फर्क नहीं तुममें मुझमें

Sunday, April 15, 2012

Bundled

शिकायतों के ही पुलिंदों में बाँध कर देखा तुमने हमें फिर भी शायद हमने कोई शिकवा न किया तुमसे तुम्हारी ही तरह अपनी मोहब्बत को सहेज के रखा है अब भी क्या कहना पड़ेगा कितनी मोहब्बत है तुमसे You tried to see me bundled in complaints Yet perhaps I didn't try complaining about Just like you I kept my love always intact You still need reminded how much I love you? ~ Udaya

Saturday, April 14, 2012

पहचान

मेरी नज़र में तो कोई गुनाह किया नहीं मैंने तुमने गुनहगार कहा तो मान लिया था मैंने इसको मेरी एक और ख़ता सोच लिया तुमने चलो इसी बहाने ख़ुद को पहचान लिया मैंने ~Udaya

Friday, April 13, 2012

कुछ और/ Something Else

तुम्हारी मीठी ज़ुबान की कद्र है हमको
लेकिन तुम कुछ कहते लड़खड़ा रहे हो
हमें लगा तुम कह तो कुछ और रहे हो
लेकिन कहना कुछ और चाह रहे हो
हमें भी तो इल्म है तुम्हारी मंशा का
जिसे साफगोई से कह न सके थे तुम
वही नए नए बहाने से जतला रहे हो
तुममें इतनी क्या कमी है तहज़ीब की
जो आसान बात इशारों में समझा रहे हो
I value the sweetness of your voice
But you are fumbling with the words
I thought you are saying something
But trying to say something different
I'm aware of your intentions though
What you could not say with transparently
The same thing you say under new pretexts
How could you be deficient of being civil
That you try to say things by throwing hints!

Thursday, April 12, 2012

आभास /Realization

ज़िन्दगी कितनी लम्बी होती है ये एहसास होने लगा है
अब सफ़र का काफ़ी रास्ता तय हो गया लगने लगा है
हमारा वक़्त भी आयेगा सोच कर भुलाया करते थे सब
वक़्त के पल भर में गुज़र जाने का आभास होने लगा है
It's time to realize how long can be the life
It seems much of path is now covered in life
Consoled self that my time will come one day
Realization has come how soon time gets past!

Tuesday, April 10, 2012

Wars Within

When the people are at war
With themselves and around
They start faltering many ways
Without realizing the impact
They think only irrationally
Their faculties prohibit logic
Their thinking gets associated
With aberrations and weird
They refuse to understand
The problem of enemy within
They rare to wage many wars
Seldom foresee consequence
Actually they would self torture
Without fighting the wars within

Monday, April 9, 2012

Peace

उनको भी ये एहसास तो होगा ज़रूर
इलाज न सही एहतियात तो बनता है
पड़ोसी से अमन दोनों के हक में है
वरना संग डूबने का भी मौक़ा तो है
They too must have this deep in their minds
If not remedy the prevention is surely must
Peace with the neighbor does help us both
Alternative to perish together is always there

Sunday, April 8, 2012

कारण?

मैं व्यर्थ ही प्रयासरत था
इस धरा को ही जगाने में
ये धरती तो सदैव से मौन है
शांत, अनासक्त किन्तु साकार
यहाँ के वृक्ष और पादप भी
मात्र मूकदर्शक ही तो हैं
ये कभी प्रतिकार नहीं करते
फिर भी साक्षी अवश्य हैं
जीव-जन्तुओ और मानव के
निरंतर बढ़ते कोलाहल के
इन्होंने अपना सब अर्पण किया
जब भी किसी ने छीना है
इनके हिस्से में ही आते हैं
न जाने फिर क्यों फिर भी
दावानल और बाड़वानल
ठीक स्त्रियों की तरह ही
शायद मूक रहने के कारण?

Saturday, April 7, 2012

Balance Out

There is nothing to be exclaimed about
The World today has really changed
Like it had always been doing before
The full circle now we have reached
We found our expectations different
Our elder generation had then agreed
We want that things change bit slower
When our offspring’s turn has arrived
Patterns of change may be different
But the manner is same it has reached
Welcome the change and manage self
The whole system would have improved
Every generation consider them smarter
Balancing out is the key all have agreed

Friday, April 6, 2012

Goodbye

हम उम्मीद में थे वो आएंगे मिलने हमें
वो शायद किसी और ही राह चलते चले
इससे पहले कि हद होती इन्तज़ार की
वो ही हमें अलविदा कहकर चलते चले
I was hoping that he will come to see me
Perhaps he decided to walk the other way
Before it had been culmination of my wait
He came to say good bye and walked away

Goodbye

हम उम्मीद में थे वो आएंगे मिलने हमें
वो शायद किसी और ही राह चलते चले
इससे पहले कि हद होती इन्तज़ार की
वो ही हमें अलविदा कहकर चलते चले
I was hoping that he will come to see me
Perhaps he decided to walk the other way
Before it had been culmination of my wait
He came to say good bye and walked away~Udaya

Thursday, April 5, 2012

कहीं और

बड़ी आसानी से कह दिया था तुमने
अब तुम्हारा रास्ता तो कोई और है
मुझे समझ में ही नहीं आया था तब
तुम्हारा आशय कोई गंतव्य से नहीं
वरन तुम्हारा मंतव्य कोई और है
मैं तो बस अपलक देखती रही थी
तुम्हें लगा मेरा ध्यान कहीं और है
कांपते अधरों से भी पूछना चाहा था
फिर लगा मेरा भी मार्ग अब और है
मैंने पूरी ईमानदारी से स्वीकार किया
तुम पर अब भी बेईमानी का दौर है
वो पल वापस कतई नहीं आ सकते
अब हम दोनों का मार्ग कहीं और है

Wednesday, April 4, 2012

गुरेज़/Problem

उन्हें तो गुरेज़ था शायद हमारी हर बात से
फिर भी रहे हम जानबूझ कर अनजान से
आखिर उन्हें भी तो रश्क हुआ होगा ज़रूर
मिलकर इस एक नई तरह के इन्सान से
He had problem with anything about me
Knowingly I had pretended of ignorance
He too would have been jealous for sure
Having met with such new type of person

Tuesday, April 3, 2012

साक़ी/bartender

गुज़र गए दिन जाम-ए-उल्फत के
किस्से रोज़ पीकर रोज़ बहकने के
अब तेरे दर पे बचा ही क्या साक़ी
अब तो कोई हसरतें रही नहीं बाकी
Gone are those days of getting drunk with love
The daily 'drinking' and daily getting inebriated
Nothing is left for me at your door, O bartender
The desires too have diminished at this juncture

Monday, April 2, 2012

Twinkle

She wasn’t any drop-dead beauty
Yet she had the awesome beauty
She dropped both eyelids down
May be feared that I might drown
I was smitten by the movements
How precious were the moments
She moved her silky hair twirling
Leaving thought at me for whirling
I couldn’t stop but staring at her
She again opened the eyes of her
Her gaze penetrated in my heart
Oh! She was very best at this art
Effect was in my eye had twinkle
The far away stars do look twinkle
When I looked at her starry eyes
I saw me far from her I did realize