Sunday, September 27, 2015

What Prevails

The truth shall prevail
But the myths remain
Goodness does prevail
But the evil too remains
Love shall always last
But hatred precipitates
Righteousness prevails
But the wrong path sells
Civilization must improve
But aberration spreads
Chivalry the best option
But discourtesy is often
Say all should improve
But self seldom improves
Human nature is weird
Yet humanism prevails!


I Still Await

I can not see anything
And wondering actually
With so much glamour
You have created here
I still await your effort
To brighten the inside
That would allow us
To see and witness
What's going around
Within us and outside
We can all envision
The eclipsed things
Due to the brightness
Brought in artificially



Monday, September 21, 2015

गंतव्य भी इत्तेफ़ाक़

मार्ग की दुर्गमता व कठिनता
मंज़िल का आभास कराते है
गंतव्य की दूरियों का एवं
कभी-कभी मार्ग का अभाव
अपरिभाषित बिडम्बना का
मुसाफिर प्रायः अनिर्णय में
बिस्मय और बिस्मृति में
कौन जाने क्या है मौजूद
भविष्य व भाग्य में किसी के
मनचाही मंज़िल न सही
चलते रहना भी रुख है यहाँ
मंज़िल तक पहुँचने का
हैरान,परेशान, थके, हारे से
मुसाफिर समझ नहीं पाते
हर रास्ते की होती है मंज़िल
ज़रूरी नहीं जानी पहचानी हो
गंतव्य भी इत्तेफ़ाक़ होते हैं

Thursday, September 17, 2015

'पहाड़ सी ज़िन्दगी'

सब कुछ बदल गया
कभी अचम्भा होता है
पहले कितना बड़ा था ये
अब संसार सिमट गया है
यत्र-तत्र-सर्वत्र की खबर
चुटकी भर में मिल जाती है
सन्देश, फोटो, वीडिओ
स्मार्ट फोन के अंदर सब है
इन सब के साथ-साथ
जीवन मूल्य बदल गए हैं
प्रवासी बंधु पहाड़ों के
मानो रास्ते भूल गए हैं
आगंतुकों का स्वागत नहीं
उनसे प्रायः कतराते हैं
पहाड़ का दर्द भी अब
सामाजिक मीडिया तक है
अब महानगरों से निकल
विदेश प्रवास के मन हैं
घरों में लगे तालों में भी
अब जंग लग गए हैं
खंडहर बने गाँव के घर
इतिहास की गवाही देते हैं
बचे खुचे लोग अब भी
जाने कितने आशावान हैं
उनके नाम परियोजनायें
कितनों को समृद्ध बनाती हैं
जीवन-संध्या में असहाय लोग
भाग्य के सहारे गुजर करते हैं
नई पीढ़ी के लोगों के पास
समय व श्रद्धा का अभाव है
दैनिक जीवन इन बुजुर्गों का
एक नए संघर्ष का दिन है
'पहाड़ों में जीवन स्वर्ग' है
लोग कहते हैं ये हँसते हैं
नरक और स्वर्ग में फ़ासला
बहुत ज्यादा नहीं होता है
पहाड़ में 'पहाड़ सी ज़िन्दगी'
अब सब से बड़ा सच है
खुद के अतिरिक्त भरोसा भी
अब उन्हें किसी पर नहीं है
ये चरितार्थ भी कर रहे हैं
कर्म व संघर्ष ही जीवन है

Wednesday, September 16, 2015

Conditioned!

People are forgetful
They forget so easily
That you offered them
Your heart and soul
Without conditions
When it's their turn
They got conditioned
With own interpretation
When I realized this
It was very late for me
Anyways, I guess
I wouldn't fall prey
To anyone's designs
And so I revere myself
Again, no conditions!