Monday, June 27, 2016

चंद लम्हे चुरा लायें

ज़िन्दगी से हैं शिकायतें जिनको
कुछ देर सब भूल कर आजमायें
अलग अलग रंग ज़िन्दगी के देखें
थोड़ी सी मुस्कुराहट दिखा जायें
चंद सवालात खुद से भी कर देखें
संजीदगी से खुद जबाब दे जायें
कोई खामोशियाँ गुजरें नाग़वार
खामोशियों के हुनर आजमायें
लोगों का क्या वो ऐसे ही होते हैं
ख़ुद को हम ख़ुद ही समझा जायें
ज़िन्दगी टुकड़ों-क़तरों में होती है
टुकड़ों में यूं शौक से जीते जायें
उम्र का क्या वो तो गुजर जाएगी
आज बस चंद लम्हे चुरा लायें


Sunday, June 12, 2016

दिल की बातें

ना मैं जानूं, ना तू जाने, दिल की बातें दिल ही जाने
इस दिल की धड़कन बस मैं ही जानूँ या तू पहचाने
प्यार हमारा लाख छुपाएँ फिर भी देखो हर कोई जाने
दिल की बातें दिल में होतीं कोई हमारा भेद न जाने


Thursday, June 9, 2016

Soul searching

Soul searching of self
Brings easiest option
In the labyrinth of life
Solves complexities
And several puzzles
Without being puzzled
The zig zag path here
Starts looking straight
Cropping in around us
Half the problems in life
When we overrate self
And underrating at times
Hearing that is unsaid
Reading what was untold
Complicate meaning of life
Making living difficult
Follow the easiest path
Search your own soul
Don't scratch soul of others

Tuesday, June 7, 2016

आबो-हवा हमारी

बरसों से जब बरस रहा है पानी
अब ही क्यों सूखे की मार पड़ी
हाहाकार मचा तो है पर क्यों
धरती की तुमने न पुकार सुनी
इठलाये फिरते थे जब तुम यूँ
अब ये बादल क्यों न इतरायेंगे
कब तक बद्बख्तों की झोली में
वो अपना जल बरसाते जायेंगे
जब धरा बोझ से तुम भर दोगे
ये घन-घमंड क्या कर पाएंगे
तुम हर लोगे ये छटा प्रकृति की
कल बच्चे को क्या दिखलायेंगे
द्रुम, शिखर, नदी, हरियाली अब
बस चित्र बनी बिकती जाती है
हर तरफ अब आबो-हवा हमारी
पल-छिन दूषित होती जाती है
पहचानो क्या-क्या तुमसे छिन
तुमसे तुम से अब रूठा जाता है
भर लो झोली या भर दो झोली
जो भी तुम्हें समझ अब आता है
रिश्ता प्रकृति से जो निभाओगे
उसको भी तभी निभाना आता है !

Thursday, June 2, 2016

My Small World

I don't have many words
I only have experiences
To talk of good things
I got from you all here
My existence was ordinary
My well-wishers made special
My friends showered love
Dear ones were affectionate
Encouraged me to resolve
To come clear on expectations
Of everyone else and my own
In the zeal of doing my duty
With passion and integrity
Commitment came on its own
I am contented and satisfied
I could perhaps do some justice
To expectations of you and me
Life has been good to me here
That's because of you good people
Always encouraged and supported
In all my sojourns in my job
My trajectory has been shared
With everyone around me always
I came from small place here
In your company big things came
Big cities, salary, recognition
But I remain humble small one
Happy that's the way I remain
And ever grateful to everyone!


Wednesday, June 1, 2016

हौसलाअफ़्ज़ाई

एक छोटी जगह से हूँ मैं
जहाँ हर चीज में संघर्ष है
जीवन-यापन, पढ़ना-पढ़ाना
सब सरल सब संघर्ष था
सरल इसलिए भी होता है
क्यों कि विकल्प नहीं होते थे
माता-पिता सब संघर्ष से
पढाते हैं बच्च्चों को फिर भी
मैं थोड़ी बेहतर स्थिति में था
पिता क्षेत्र विकास अधिकारी थे
लेकिन छोटी जगह तैनाती थी
आठवीं में था तो रिटायर हो गए
गाँव में बस गए फिर हम अचानक
कस्बे में स्कूल आठवीं तक ही था
जनता हाई स्कूल खोला गया
टीचर मुश्किल से मिलते थे
हुए तो कुछ भी पढा देते थे
ट्यूशन तब रिवाज़ में नहीं थे
हाई स्कूल के बाद घर से बाहर
कुछ लोग मिलकर डेरा था
पढाई के साथ सब काम खुद
फिर भी खेल-मनोरंजन जारी थे
12वीं के बाद जिला मुख्यालय
डिग्री कॉलेज सरकारी था
पोस्ट ग्रेजुएट के बाद जाना
अब नौकरी भी करनी पड़ेगी
पिता बोले अभी तो बड़े छोटे हो
एक और एम ए क्यों नहीं करते
कर लिया अबके गोल्ड मैडल था
रिसर्च का मन बन जे एन यू आये
कई बारीकियाँ समझने लगे
प्रोफ़ेसर कहते थे छोटी जगह के हो
हमारे स्टूडेंट्स सा कम जानते हो
एक बार में सारे कोर्स कर दिखाये
प्रोफ़ेसर ने अपने शब्द वापस ले लिए
अंग्रेजी बोलने का अभ्यास किया
अब कोई तंज बाक़ी नहीं रहे थे
सरकारी नौकरी में में कुछ यूँ ही था
कोई डी यू कोई स्टीफन्स के थे
कोई पब्लिक स्कूलों के नाम लेते थे
जे एन यू का नाम बड़ा काम आया
हमसे स्कूलों के नाम कोई न पूछ पाया
शायद हमने साबित कर दिखाया
मेहनत और लगन को बड़ा बताया
अंतिम दिन तक ९ बजे दफ्तर थे
खुद अनुशासन खुद पर लागू था
कोताही कभी नहीं की काम में
जितना अपेक्षित था उससे ज़्यादा ही
चपरासी या अफसर व्यव्हार एक सा
आदमी आदमी में फ़र्क़ कैसे करते
वरना अपनी ही नज़र में गिर जाते
दोस्तों की कभी कमी नहीं रही
दुश्मनी तो हमने कभी की ही नहीं
छोटो-बड़ी बातें साथ साथ भुला दीं
किसी को मदद में कमी नहीं की
आज भी नया सीखने का मोहताज हूँ
रिटायर हूँ सन्यास नहीं लिया हूँ
अभी बहुत करने का मन बाक़ी है
आपकी हौसलाअफ़्ज़ाई का प्रार्थी हूँ
आते जाते हमें याद ज़रूर रखना
जहाँ से शुरू किया फितरतन वहीँ हूँ
ज़िन्दगी का आप सब का शुक्रगुज़ार हूँ