Monday, November 9, 2015

मन में वंदनवार सजाकर

स्मरण कराता फिर से
तुम को मुझ को सब को
ये त्यौहार दीवाली का
रोशन कर चहुँओर
जग के कोनों को
अपने घर-घर को
करो उजाले ऐसे तुम
मन-आँगन में अपने
बांटो खुशियां अपनी
औरों के गम बांटो
मुँह मीठे मन मीठे कर
कर लो कोशिश बनने की
प्रेम व करुणा के सागर
अंतरतम को रोशन कर
खूब मनाओ दीवाली तुम
मन में वंदनवार सजाकर

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