Monday, February 17, 2020

मुस्कुराइये

अच्छी तो बढ़ाइये
बुरी भूल जाइये
छोटी बातों में है
बात बड़ी होने की
घाव नासूर बनेंगे
उपचार कीजिये
समय-सीमा है
हरेक बात की
सब बदल देगी
शुरूआत कीजिये
धीमी सी मुस्कान
एक नई सुबह की!

वापसी


फिर चलती तेज सर्द हवाओं के बीच
तुम्हारे वापस आने की खबर मुझे
एक गर्म मधुर सा एहसास करा गई
मानो कोई कुहासे को चीरती धूप सी
अँधेरे से निकाल प्रकाशमय करती
किसी पर्वत की मनोहर छटा को
बेरंग से नज़रों को रंगीन बनाती
मन में जीवंत उमंगों को जगाती
वातावरण में खुशबू बिखेरती सी
मेरे तन मन दोनों को हर्षाती हुई
जीवन के गीत फिर गाती हुई सी
तुम्हारे वापस आ जाने की खबर! 

Saturday, February 15, 2020

सुर्ख़रू

कल जिनका न था अपना कभी
उनका आज भी कल भी होगा
कल जिनका था चाहे आज नहीं
कल तो शायद उनका भी होगा
आज़ है जिनका सनद रहे उनको
कल क्या मालूम उनका न होगा
वक्त भुला भी देना चाहे सब कुछ
उसकी फ़ितरत में भूलना न होगा
ये पहिया वक्त का चलता रहेगा
जो समझ गया वही सुर्ख़रू होगा 

Sin of Wins

Weird are the ways
Of people and World
To save own progress
Cut throats of others
It same goes for food
Killing others make meals
And they expect harmony
And inner peace
Carrying loads of guilt
Over time that's built
Unaware of sin of wins
And say all is fair to win!