Udaya Pant
US Pant
Udaya Shankar Pant
..... all my names:)
Friday, May 27, 2016
मौत का इश्तहार
बड़ेअरमान से देखा था वो सपना
तन का कोना कोना गुलज़ार था
जेहन में तुम्हारा ही रुखसार था
पल पल तुम्हारा ही इंतजार था
तुम नहीं तो तुम्हारे ख़याल साथ
बेक़रारी में भी कैसा वो क़रार था
एक झटके में सब पलट गया था
मानो कोई मौत का इश्तहार था
No comments:
Post a Comment