Saturday, February 15, 2020

सुर्ख़रू

कल जिनका न था अपना कभी
उनका आज भी कल भी होगा
कल जिनका था चाहे आज नहीं
कल तो शायद उनका भी होगा
आज़ है जिनका सनद रहे उनको
कल क्या मालूम उनका न होगा
वक्त भुला भी देना चाहे सब कुछ
उसकी फ़ितरत में भूलना न होगा
ये पहिया वक्त का चलता रहेगा
जो समझ गया वही सुर्ख़रू होगा 

No comments: