उनके आने से मानो जग गई हैं
हमारी सब उम्मीदें फिर एक बार
जीने का मकसद बाक़ी है अभी
फिर से इधर मन कहता है मेरा
साथ ही, फिर से जाग उठी हैं
वो तमाम अधूरी हसरतें मेरी
जिन्हें पूरा करते रहने की खातिर
करता ही रहा कोशिश मन मेरा
अब न हो पूरी हसरतें तो क्या
मुझे तसल्ली तो मिल ही जाएगी
उनके साथ ज़िन्दगी आबाद होगी
और उम्र शायद यूँ गुज़र जाएगी
1 comment:
सुंदर ...बहुत खूब उदय जी ...उसके आने से उम्मीदे जग उठी है मेरी ...बहुत खूब ...ये तो हुआ की ..कोण आया के निगाहों में कसक जाग उठी ..दिल के सोये हुए तारो में झनक जाग उठी ..कोण आया ..???
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