किसी शोलों से भरे ज़लज़ले की तरह
हम क्यों भटकें भला राह से अपनी
वो रहें अपनी तरह हम अपनी तरह
हम नहीं छोड़ेंगे रास्ता कभी अपना
किसी मोहब्बत के गुमाश्ते की तरह
हमें आता है यूँ इंतज़ार करना ज़रूर
किसी ज़िन्दगी के फलसफे की तरह
ग़ौर से देखो हम नज़र आयेंगे तुम्हें
कोई बंदगी के नए नुस्खे की तरह
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