Saturday, August 17, 2019

ग़ैर

हमसफर हो तो कोई ऐसा हो
सब को अपना बना चला गया
हम सोचते रहे अंधेरे हटाने की
वो जल कर उज़ाला कर गया
हमने बस की थी एक इब्तिदा
वो रहनुमाई कर के चला गया
रास्ते कई और होंगे उसके पास
वो रास्ता हमें दिखा चला गया
कोई ग़ैर किसी ग़ैर की ख़ातिर
अपना सब कुछ लुटा चला गया 

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