Thursday, August 8, 2019

झूठे नीर

अब कायर भी वीर बताये जाते हैं
आंखों से झूठे नीर बहाये जाते हैं
बेहूदे लोग गम्भीर बताये जाते हैं
चंचल भी अब धीर बताये जाते हैं
झूठे अपनी तक़रीर बढ़ाये जाते हैं
सच कहो तो शरीर बताये जाते हैं
संजीदा सिर्फ लकीर बताये जाते हैं
छोटे चक्कू शमशीर बताये जाते हैं
बद अब नेकी की तस्वीर हो जाते हैं
अच्छे लकीर के फ़कीर कहलाते हैं
बातों के ही सब तीर चलाये जाते हैं
आंखों से झूठे नीर बहाये जाते हैं 

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