वो क्या मिल बैठे लगा सब पा लिया था मैंने
लगा था क़िस्मत को तलाश लिया था मैंने
उसके मन में क्या था ये न कभी जाना मैंने
एकतरफा ही बस दिल लगा लिया था मैंने
वो तो भूल गए पर कभी न भुलाया था मैंने
उसकी तस्वीर से से ही दिल लगा लिया मैंने
अपना मुक़द्दर ख़ुद ही संवार लिया था मैंने
उसकी आँखों में अपनी रौशनी खोकर मैंने
कभी लगा ख़ुद से अनज़ान कर लिया मैंने
फिर भी अनज़ाने में ख़ुद को पा लिया मैंने
3 comments:
dil ko chuti abhivykti
:)
बहुत सुन्दर.....................
अनु
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