ज़िन्दगी का अपना फ़लसफ़ा
ये अपनी तरह चलती जायेगी
कभी काम तो कभी आवारगी
ये हर तरफ हमको ले जायेगी
ज़िन्दगी जब तक भी रहेगी
हमारी याद तो तुमको आयेगी
हम-तुम यूँ मिट जायेंगे मगर
हमारी ये कहानी रह जायेगी
अर्श से देखना फ़ितरत नहीं
जमीं ही सब कुछ दोहराएगी
रूह क्या है नहीं मालूम मुझे
जो हाथ आई मेरी हो जायेगी
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