Thursday, October 31, 2013

तमसो मा ज्योतिर्गमयः


तम रहे न कोई पास तुम्हारे
ज्योति रहे जगमग जग में
दीप जलाये रखना तुम बस
आशा खुशियाँ बन महकेगी

मैं भी शामिल सुख में तुम्हारे
यह करूँ कामना इस दीवाली
देश-देश छा जाये यूँ उजियारा
हर गली सुखों से बस चहकेगी

जाति धर्म और देश काल तज
सब जन हित रख लेना मन में
एक दीप जलाना तुम भी ऐसा
खुशियाँ जग जन में यूँ बरसेंगी

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