जाने क्या मौसम की यहाँ गाज़ गिरी
ओस की बूंदें भी यहाँ ओलों सी गिरीं
बचाये रखने की कोशिश तो करी हमने
सर्द मौसम सी हवा में बिजली सी गिरी
दिल को बहलाया लाख तरीक़ों से हमने
दिल के हर कोने में बस आँधियाँ सी चलीं
ज़ख्म सहने की कोशिशें तो कीं थी हमने
हर दफ़ा सामने वहीं वो औंधे मुँह थीं गिरीं
हसरतें संभाल रखीं थीं जो दामन में अपनी
कभी तूफ़ान और कभी वो शोलों सी गिरीं
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