Udaya Pant
US Pant
Udaya Shankar Pant
..... all my names:)
Sunday, February 23, 2014
विवेक
जानता हूँ
औरों की तरह ही
तुम भी हो
अपने स्वार्थवश
खेलने वाले
मेरे ज़ज्बात से
फिर भी
बहलाने लगता हूँ
स्वयं को मैं
अलग से हो तुम
क्या मालूम
समय आयेगा जब
परख लूंगा तुमको
कुंठित हो जाऊँ
अभी से क्यों
तुम्हारा हो न हो
मेरा तो लेकिन
यही विवेक है
No comments:
Post a Comment