Sunday, February 9, 2014

अल्फाज़ के मायने

सुना था अल्फाज़ के भी
मायने जो समझ लिया
हमने बस मुस्कुरा दिया
तुमने तूफ़ान खड़ा किया
तुमने हज़ारों बार कहा
हमने ज़हर सा पी लिया
दिल ये टुकड़े-टुकड़े हुआ
हमने कई दिल मान लिया
हमने एक बार कह दिया
तुमने बतंगड़ बना दिया
बात ज़मीन की हुई थी
आसमाँ सर पे उठा लिया
न तुमने कुछ हासिल किया
न मेरा कुछ बिगड़ गया

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