Tuesday, June 9, 2015

हालात की मारी

अजीब सी बात है
कभी-कभी यहाँ
औरतों को दबाने में
देती हैं अक्सर
आदमी का साथ
औरतें भी यहाँ
ज़ुल्मों की खातिर
शायद खुद जो सहे
औरों की बारी
झुठलाती हैं औरतें
सच को यहाँ
अंधेरे में अँधेरा बन
उज़ाले के खिलाफ है
औरतें भी यहाँ
हालात की मारी थीं
लड़ नहीं पाती हैं
हालत से
औरतें यहाँ


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