Wednesday, August 24, 2016

यो कसी नराई लागि

यो कसी नराई लागि यो कसो उदास
तन यहाँ मन पहाड़ कस् छू यो निश्वास
मैं पहाड़ जूंलो दाज्यू मैं पहाड़ जूंलो
मैं मुलुक जूंलो भागी मैं पहाड़ जूंलो

गों घरका सब लोगन मैं भेटन जूंलो
आम बड़बाज्यू गों घरकी कुशल मैं लि ऊंलो
बाल अवस्था युवा दगड़िया सबन मिली ऊंलो
नानछाना का खेल माल फेरि खेली ऊंलो
चार दिना शुद्ध हवा मा मैं बिताई ऊंलो
मैं पहाड़ जूंलो दाज्यू मैं पहाड़ जूंलो
मैं मुलुक जूंलो भागी मैं पहाड़ जूंलो

नील आकाश सेत हिमाला मैं निहारी ऊंलो
हरियूँ पाणी गाड़ नदी छपछपाई ऊंलो
शीतल पाणी में डुबुकी मैं लगाई ऊंलो
बनफल बाड़ों का फल चटपटाई ऊंलो
म्यर मन कि बात जसि देखि भाली ऊंलो
मैं पहाड़ जूंलो दाज्यू मैं पहाड़ जूंलो
मैं मुलुक जूंलो भागी मैं पहाड़ जूंलो

डांडा काना रूख बेला आँख बसाई ऊंलो
रोज़गार बिकास कस छू मैं ले देखि ऊंलो
और मैं ले के करि सकूं देखि भालि ऊंलो
नानातिना बुड़ा बूड़ीन के सुजौती द्यऊंलो
आपण मुलुक आपण लोगन भलि बटाईं ऊंलो
मैं पहाड़ जूंलो दाज्यू मैं पहाड़ जूंलो
मैं मुलुक जूंलो भागी मैं पहाड़ जूंलो

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