उनकी मानो संपत्ति थी
जीवन के कष्ट झेलते
उनकी रूह काँपती थी
सहयोग की अपेक्षा करते
वो तुम्हारी ओर देखते
तुम्हें सरोकार तो था
तुम देखते ही रहे थे
तुम अपनी कहानी
और मार्मिक बनाते रहे
शायद इसी आशा में
कि कहानी चटपटी हो
और तुम परोस सको
पाठकों को कोई
दस्तावेज़ सनसनीखेज़
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