Wednesday, July 20, 2011

क़ुदरत

तुम्हारे सब्ज़ रंगों से सजी
बिखराती मुस्कुराहटों में
ज़िन्दगी का आगाज़ है
तुम्हारी नेमतों में परोसे
बेशुमार मनभावन रंगों में
जीने का हर एक अंदाज़ है
बिखरती सी ज़िन्दगी का
तुमसे मिलकर गीत सा बन
कैसी मीठी सी आवाज़ है
शायद तभी सभी लोग यहाँ
इसे ही क़ुदरत कहते हैं
ये ही अनोखे अल्फाज़ हैं

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