Tuesday, October 30, 2012

मदमस्त वसंत

पतझड़ होगा
आयेगा फिर वसंत
नई कोंपलें निकलेंगी
घर आँगन महकेगा
नव ऋतु में विहग चहकेंगे
विहाग के स्वर भी
मन मयूर रंग जायेंगे
राग भी वासंती
सब कुछ वासन्ती होगा
हेमंत के बाद आते
शिशिर की ओट से
आयेगा मदमस्त वसंत

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