क़ैसे तुम सब कुछ भुला कर मुस्कुरा सकते हो
मैं जाने कितने बोझ ज़ेहन में बसाये ज़िन्दा हूँ
उस रोज़ मैंने तुम्हें हर बात को खूब कोसा था
आज तुम्हारा बड़प्पन देख खुद से शर्मिंदा हूँ
How can you forget about everything and keep smiling
I for one live with so many grievances in my mind stored
I remember that day I had cursed you about everything
Today looking at your large-heartedness I am so ashamed
No comments:
Post a Comment