Wednesday, June 26, 2013

दुश्मन / Enemy


जब मांगी थी हमने बरसात बादलों का नामोनिशाँ नहीं था
अब बारिश से हैं परेशान तो बिन बादल बरसात हो रही है
मुसीबतों से जूझ रहे लोग जेहन में थे कौन परेशां नहीं था
बिना किसी दुश्मन की कोशिश के नींद हर रात खो रही है
When we wanted the rains there weren’t any clouds around
Now that we are all sick of rains it’s raining without any cloud
People all struggle with problems all were distressed around
As if without any enemy’s effort I lost my sleep like the cloud

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