Thursday, September 23, 2010

बढ़ावा

फिर तलवारें निकलेंगी
मज़हबी फसाद भड़केंगे
आरोपों प्रत्यारोपों के
वार पर वार भी होंगे
चन्द लोग ही मिलकर
करोड़ों को भड़काएंगे
उभयपक्ष में ज़बरदस्त
प्रतिस्पर्धा के पल होंगे
और इन सब के बीच
गरीब लोग मारे जायेंगे
सियासी और मज़हबी
फिरकापरस्तों को हम
यों कब तक बढ़ावा देंगे
मंदिर-मस्जिद की जगह
स्कूल क्यों नहीं बनायेंगे?

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