Thursday, September 30, 2010

पतझड़

हम चाहने वाले हैं पतझड़ के भी
सुनहरे पत्तों के आभूषणों से सजे
शिशिर ऋतु की शीतल बयार में
सुन्दरता में चार चाँद लगे हुए वृक्ष
पतझड़ के क्षण मानो बरसाते से
मिश्रित रंगों के पत्तों के ही फूल
हर दूर होते पत्तों के मंतव्य में
नई कलियों का प्रस्फुटन होकर
नवजीवन के स्वागत की तैय्यारी
नए रंगों की मचलती कोंपलों की
कलियों को भी संवारने की चाहत
यही तो इस पतझड़ का क्रम है

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