हम चाहने वाले हैं पतझड़ के भी
सुनहरे पत्तों के आभूषणों से सजे
शिशिर ऋतु की शीतल बयार में
सुन्दरता में चार चाँद लगे हुए वृक्ष
पतझड़ के क्षण मानो बरसाते से
मिश्रित रंगों के पत्तों के ही फूल
हर दूर होते पत्तों के मंतव्य में
नई कलियों का प्रस्फुटन होकर
नवजीवन के स्वागत की तैय्यारी
नए रंगों की मचलती कोंपलों की
कलियों को भी संवारने की चाहत
यही तो इस पतझड़ का क्रम है
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