पटाखों की धूम धड़ाम में
मानो कहीं खो रहा सा था
दीप प्रकाश उत्सव दीवाली
हर तरफ प्रतिद्वंदिता सी थी
और ज्यादा शोर मचाने की
ये कैसी विचित्र है ख़ुशहाली
मिलने मिलाने में बस उपहार
आदान प्रदान का क्रम बढ़ा है
देखा-देखी हुई बहुत खर्चीली
बहुतों को अब नया शौक़ है
चकाचौंध में भूल जाने का
किसी की अँधेरे में दीवाली
1 comment:
so fas as i think ... deepawali.. is a festival to show ones richness
Post a Comment