Friday, July 22, 2016

सुख सागर

दुखी राम यूँ दुःख में डूबे
सब जग लगता डूबा दुःख में
ढूँढें दुःख ही चाहे सुख हो
दुखी तभी ये दुखी राम हैं
सुखी राम है सुख का साथी
दुःख से नहिं घबराता है
जब दुःख हो धीरज से अपनी
नैय्या को पार लगाता है
सुख सागर सुख का सागर है
दुःख-सुख एक समझता है
दोनों में एका सा देखे
समान भाव में रहता है
अपना ही अपना ना सोच
सबके सुख-दुःख का भागी है
सुख सागर सुख का सागर है

No comments: