ज़िन्दगी के गीत गुनगुनाते रहो
मंज़िलें और भी हैं यहाँ
रास्ते बिखरे पड़े हैं यहाँ
हर तरफ रफ़्तार है यहाँ
रास्तों में मंज़िलें ढूंढते रहो
ज़िन्दगी के गीत गुनगुनाते रहो
कोई साथी फिर बिछुड़ गया
कोई अपना बेगाना सा हो गया
ये ज़िन्दगी की हकीकत है
इसी की हद में बढ़ते रहो
ज़िन्दगी के गीत गुनगुनाते रहो
हर दिन नई शुरुआत है
ख़ुशी का हर कोई तलबगार है
हर लम्हा ज़िन्दगी बेशुमार है
अपनी ख़ुशी को संजोये रहो
ज़िन्दगी के गीत गुनगुनाते रहो
एक सफर है खट्टा मीठा गीत है
ज़िन्दगी के गीत गुनगुनाते रहो
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