Friday, July 29, 2016

प्यार तुम्हारा

प्यार तुम्हारा मेरी, साँसों में बसता है
दिल की हरेक ये,धड़कन में रहता है

जब से मिला है हमको, आँखों में संजोया है
दिल में संभाले हमने, हर पल ये रखा है
कैसा एहसास मन का, दिलकश ही रहता है
और क्या मिसाल दें, रग-रग में रहता है

थोड़ा-थोड़ा पागल सा, हम को ये करता है
तन्हाई में अक्सर कोई, मुस्कुराता रहता है
बेकरार आलम में ये कैसा,चैन ले आता है
खोये-खोये लम्हों में, ये यादें संजोता है

प्यार तुम्हारा मेरी, साँसों में बसता है
दिल की हरेक ये,धड़कन में रहता है

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