Sunday, March 13, 2011

वसंत बयार

मेरे कानों को बस छूती सी
सर्द हवा के झोंके ने पूछा
मौसम कैसा है अब?
बस वसंत आ गया है;
सर्दी कम हो जाएगी
गर्मी भी कम ही होगी
मैंने उत्तर दे दिया!
उसने फिर प्रश्न किया
कारण जानते हो?
फिर स्वयं ही कहा
मैं ही अब वेश बदल
वसंत की बयार बनूँगा
वरना वसंत में भी तुम
गर्मी का एहसास करोगे!
जिसे सर्दी का कारण कहो
वही कल वसंत बयार होगा!

1 comment:

Anil Arya said...

उदय जी, वसंत ऋतू पर आपकी ये रचना बहुत ही सार्थक और मजेदार है.. कृपया ऐसी रचनाएँ लिखते रहें और हमारा ज्ञानबर्धन करते रहें . धन्यवाद

with warm regards,

Anil Arya