इतनी कूब्बत मुझमें नहीं
कि मैं शुमार हो सकूं
उन सभी बातों की
सफाई देते रहने में
जिनके तहत मुझ पर
लगाई हैं तोहमतें तुमने
ज़माने भर की इधर
तुम्हें भी हक है ज़रूर
अपनी भड़ास निकालो
अब ये मैं छोडूंगा तुम पर
कि मेरे हक की है कितनी
गरज बची बाकी तुमको
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