तुम्हारे व्यव्हार से उलट सही
सराहने का तुम्हारा शुक्रिया
वह भी अप्रत्याशित रूप में
किन्तु मुझे आभास तो है
तुम व तुम्हारे मन्तव्य का
वैसे भी यह झलक रहा है
तुम्हारे शरीर की भाषा में
तुम्हारा यह उत्परिवर्तन
भविष्य का संकेत दे रहा है
तुम्हारे विगत से मिलता
मैं तथापि आशावान रहूँगा
तुम्हारी सोच में परिवर्तन को
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