अमन चैन अब तारीख़ बन चुके
ये बात करने वाले परेशान हैं सारे
कौन कौन किसका है खिदमतदार
एक चौमिसरा से लगते हैं ये सारे
बेख़ौफ़ घूमते हैं खौफ के रहनुमा
हैं बड़े खौफज़दा बाशिंदे यहाँ सारे
अब किसके दर जा करें शिक़ायत
दागदार हो गए हैं यहाँ दामन सारे
Peace and serenity are now history
Those talking of this are worried
Who is serving whose interest here
This all sounds more like a quartet
Those patronizing terror move freely
The inhabitants are all terrorized
To whom shall we go and seek help
Everyone's apron here are speckled
1 comment:
pain well expressed!
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