तुम से ही है यहाँ अद्भुत कर्मयोग
तुम ही सृजन हो तुम ही शिल्पी
धरा के इस कर्णप्रिय संगीत में
तुम ही मल्हार तुम हो वासंती
जी करता है गा लूँ मैं जैजैवंती
तुम से ही जग है तुमसे है माटी
क्या क्या कहूँ मैं तुम्हारी थाती
तुम से है यह सुन्दर जग धन्य
सारे श्रमिक वर्ग तुम धन्य धन्य
~On International labor Day 2012
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