शिकायतों के ही पुलिंदों में बाँध कर देखा तुमने हमें
फिर भी शायद हमने कोई शिकवा न किया तुमसे
तुम्हारी ही तरह अपनी मोहब्बत को सहेज के रखा है
अब भी क्या कहना पड़ेगा कितनी मोहब्बत है तुमसे
You tried to see me bundled in complaints
Yet perhaps I didn't try complaining about
Just like you I kept my love always intact
You still need reminded how much I love you? ~ Udaya
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