Monday, October 27, 2014

ऐसी नादानियाँ

न जाने क्यों
खूबसूरत बना कर
दिखा देता है
जलते से रँग
बादलों के
दिखने लगता है
जानदार से
हवाओं के कहर से
बिखरते हुए
बादलों को भी
जाने क्या सोच
ये सब दिखलाकर
करने लगता है
आसमान भी
ऐसी नादानियाँ
कभी-कभी

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