Saturday, October 4, 2014

तुम्हारी खातिर

कभी तुम भी
यूँ कह देते
चन्द अल्फ़ाज़
बगैर सोचे
लेकिन समझकर
हमारे बारे में
हम भी शायद
उम्मीद करते हैं
ऐसी तुमसे
कभी-कभी
भूले से सही
भुलाकर तुम
तुम्हारे पूर्वाग्रह
तवज़्ज़ो दे देना
हमारी बात पर
उम्मीद है
समझोगे तुम
हमारी खातिर नहीं
तुम्हारी
अपनी खातिर


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