Udaya Pant
US Pant
Udaya Shankar Pant
..... all my names:)
Sunday, April 12, 2015
असुंतलन ही क्रम
इन सुरों को समझो
लय, गति, ताल सब है
ज़िन्दगी की यहाँ
चाहो तो कर देख लो
व्यर्थ है कोशिश
तेज भागने की यहाँ
ज्ञात हो जाएगा
अपनी ही रफ़्तार है
ज़िन्दगी की यहाँ
एक समय आता है
ज्ञान, विवेक, दृष्टि
मिथ्या हो जाते हैं यहाँ
लाख कर लो कोशिश
असुंतलन ही क्रम है
संतुलन का यहाँ
No comments:
Post a Comment