Friday, April 17, 2015

दूर से आती आवाज़ें

कहीं दूर से आती हैं
रहस्यमयी कभी
कभी खुलासा करती
कुछ जानी सी आवाज़ें
मानो रंगमंच में यहाँ
नेपथ्य से करता मदद
देकर संकेत मुझे
मेरे संवाद सुनाकर
खुसुर पुसुर से अपनी
याद दिला रहा हो
मेरे किरदार का भान
अनजानी नहीं लगतीं
शायद पहचानी सी
ये मेरे अंतर्मन की
या अन्तर्निहित होंगी
किसी से सुन संजोई
जिसकी भी हैं आवाज़ें

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