ज़िन्दगी ख़ुशहाल बन रही थी
कोई अपनी नज़र ही लगा गया
मोहब्बत परवान चढ़ रही थी
कि ग़म अपनी दस्तक दे गया
जश्न का समय जब सोचा था
वीरानियों ने नात्ता जोड़ लिया
बात अभी भी बहुत बाकी थी
पर सबने बस मुँह मोड़ लिया
अभी हम रुख्सत हुए भी न थे
पर सभी ने पल्ला झाड़ लिया
एक बात मगर ये अच्छी रही
सबका सही परिचय मिल गया
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