Saturday, July 20, 2013

आज

खुश हैं आज हम इसलिये आज कोई शिकवा न ऐसे करो
वक़्त बिखरा हुआ है यादों में यूँ सवालात हमसे कोई करो

भला कैसे कह दूँ अभी से फिर रंग कल ये लायेगा क्या
आज ही की करो सिर्फ़ बस आज यूँ बात जो भी तुम करो

कल की देखेंगे कल ही आज तुम बस आज में अब जियो
बात मानो संभल जायेगा कल यूँ इसका इत्मीनान करो

ये कल छलावा है कैसे बस जाने छल जायेगा वो हमें
हौसला है हमें देख लेंगे उसे उसके छलने से अब न डरो

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