विवश नहीं मैं
अपने वश में हूं
अपयश में नहीं
चहुं ओर सुयश में हूं
कहूंगा अपनी बात
चाहे कशमकश में हूं
तीर नहीं मैं कोई ऐसा
जो तरकश में रखा हूं
तटस्थ न्याय का पक्षधर
यूं कमोवेश मैं हूं
सहज भाव मैं प्राय:
कोई पशोपेश में नहीं हूं
चुप्पी रख जियूं कैसे
मैं इस परिवेश में जो हूं श
अपने वश में हूं
अपयश में नहीं
चहुं ओर सुयश में हूं
कहूंगा अपनी बात
चाहे कशमकश में हूं
तीर नहीं मैं कोई ऐसा
जो तरकश में रखा हूं
तटस्थ न्याय का पक्षधर
यूं कमोवेश मैं हूं
सहज भाव मैं प्राय:
कोई पशोपेश में नहीं हूं
चुप्पी रख जियूं कैसे
मैं इस परिवेश में जो हूं श
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