Friday, December 27, 2019

पहाड़ि

भोव जनेर लै आज न्है जानी
पहाड़न में यशि हैरै बल कहानी
कैकि कुड़ि कैक गोंनाक घर
जो न्है गईं फिर नि ऊन भितर
मोबाइल आदि में फसक करनी
मतलब के नै नराई मात्र लगूंनी
मतलबक बखत पहाड़ि बतूंनी
और बखत कभै छोड़ि हालि कूंनी
संस्कृति नाम डबल यश कमूंनी
और बखत अंग्रेजि में गप करनीं
राजनीति में लै हमार पहाड़ि छन
नाम मात्र पहाड़िनक हितैषी छन
जो लै विकास भौ तरक्की भैन
पहाड़ रूनी लोकनाक संघर्ष छन
हम लै पैं अब तस्सै जस है गयां
मन में बात ऐगे सबन छें कै गयां

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