गीत न गाओ
बस गुनगुनाओ
आज बिन साज
आज जाने क्यों
अच्छा नहीं लगता
न शोर न ख़ामोशी
बड़ी अज़ीब है
दिल में ये उदासी
तुम गुनगुनाओगे तो
अच्छा लगे शायद
जाने कौन से तार
ख़ुशी के छेड़ जाओ
तभी कहता हूं
बस गुनगुनाओ
बस गुनगुनाओ
आज बिन साज
आज जाने क्यों
अच्छा नहीं लगता
न शोर न ख़ामोशी
बड़ी अज़ीब है
दिल में ये उदासी
तुम गुनगुनाओगे तो
अच्छा लगे शायद
जाने कौन से तार
ख़ुशी के छेड़ जाओ
तभी कहता हूं
बस गुनगुनाओ
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