Sunday, December 8, 2019

जीवंत जग

अब हेमंत ऋतु है
सूरज़ को चुनौती देगी
उष्ण पर शीत की
विजय की ललकार
फिर पीत हो पत्ते
झड़ने लगेंगे पेड़ों के
कंपकपाते शिशिर में
प्रकृति में फिर होगी
रंगों की भरमार अपार
सरावोर होगा ये जग
वसंत के मद में मस्त
जो जियेगा वह देखेगा
शीत पर उष्ण की जय
प्रकृति का लौकिक क्रम
जीवंत जग हर ओर
फिर एक बार!  

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