लाखों लोग हैं यहां
भ्रमजाल में फंसे
असत्य व अर्धसत्य से
तुम्हारे प्रतिपादित
लच्छेदार शब्दों से
दिग्भ्रमित करती है
तुम्हारी लेखनी प्राय:
पहले बढ़ाती उत्कंठा
फिर कथा-स्वाद से
भरमाती यह लेखनी
सत्य का भान कराती
मरीचिका दिखलाकर
तर्क़ को हेय बता
कुतर्क़ श्रेयस्कर जता
मानो बुद्धि हर लेती
फिर भी कहता हूं
हुनर अद्भुत है तुम्हारा
तुम जीते जग हारा!
भ्रमजाल में फंसे
असत्य व अर्धसत्य से
तुम्हारे प्रतिपादित
लच्छेदार शब्दों से
दिग्भ्रमित करती है
तुम्हारी लेखनी प्राय:
पहले बढ़ाती उत्कंठा
फिर कथा-स्वाद से
भरमाती यह लेखनी
सत्य का भान कराती
मरीचिका दिखलाकर
तर्क़ को हेय बता
कुतर्क़ श्रेयस्कर जता
मानो बुद्धि हर लेती
फिर भी कहता हूं
हुनर अद्भुत है तुम्हारा
तुम जीते जग हारा!
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